लखनऊः बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने अपने छोटे भाई आनन्द कुमार के स्थान पर दल के वरिष्ठ नेता रणधीर बेनीवाल को पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक की जिम्मेदारी दी है। मायावती ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर बुधवार को यह ऐलान करते हुए कहा, "काफी लम्बे समय से निस्वार्थ सेवा व समर्पण के साथ कार्यरत बसपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आनन्द कुमार, जिन्हें अभी हाल ही में नेशनल कोआर्डिनेटर (राष्ट्रीय समन्वयक) भी बनाया गया था, ने पार्टी के हित के मद्देनज़र एक पद पर रहकर कार्य करने की इच्छा व्यक्त की है, जिसका स्वागत है।"
मायावती ने आगे कहा, "ऐसे में आनन्द कुमार पहले की ही तरह बसपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद पर रहते हुए सीधे मेरे दिशा-निर्देशन में पूर्ववत अपनी ज़िम्मेदारियों को निभाते रहेंगे। अब उनकी जगह उप्र के ज़िला सहारनपुर निवासी रणधीर बेनीवाल को नेशनल कोआर्डिनेटर की नई ज़िम्मेदारी दी गयी है।"
उन्होंने कहा, "इस प्रकार, अब रामजी गौतम, राज्यसभा सासंद व रणधीर बेनीवाल ये दोनों बीएसपी नेशनल कोआर्डिनेटर के रूप में सीधे तौर पर मेरे दिशा-निर्देशन में देश के विभिन्न राज्यों की जिम्मेदारियों को संभालेंगे। पार्टी को उम्मीद है कि ये लोग पूरी ईमानदारी व निष्ठा के साथ कार्य करेंगे।"
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती ने 72 घंटे के भीतर ही अपने भाई आनंद कुमार को पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर पद से हटा दिया। अब उन्होने सहारनपुर के रहने वाले रणधीर बेनीवाल को नया नेशनल कोऑर्डिनेटर नियुक्त है। मायावती ने सोशल मीडिया एक्स पर तीन पोस्ट के जरिए अपने इस फैसले की जानकारी दी है।
सहारनपुर के रहने वाले रणधीर बेनीवाल को पार्टी का नया नेशनल कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया गया है। फैसले को लेकर मायावती ने कहा कि अब बसपा के राज्यसभा सांसद रामजी गौतम और रणधीर बेनीवाल, दोनों पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर के रूप में उनके निर्देशन में विभिन्न राज्यों की जिम्मेदारी संभालेंगे।
बुधवार को मायावती द्वारा लिए गए फैसले को लेकर अब यह भी कहा जा रहा है कि पहले अपने भतीजे आकाश आनंद और फिर अपने भाई आनंद कुमार के खिलाफ लिए गए एक्शन से यह साफ हो गया कि मायावती खुद ही पार्टी में अधिक सक्रिय भूमिका निभाएंगी। अब वह पार्टी संगठन को मजबूत करने में जुटेंगी।
अभी मायावती ने खुद को रैलियों और सार्वजनिक सभाओं को संबोधित करने तक सीमित कर रखा था। अब मायावती खुद कार्यकर्ताओं को प्रेरित करने के साथ ही आगामी चुनावी लड़ाई की कमान भी संभालेंगी. इसके लिए वह फील्ड पर भी दिखाई देंगी. बसपा के लगातार घट रहे जनाधार को बढ़ाने का प्रयास करेंगी।