लखनऊः बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती ने राहुल गांधी के खिलाफ विवादित बयान देने वाले पार्टी के पूर्व नेशनल कोऑर्डिनेटर जयप्रकाश सिंह को माफ कर दिया है. मायावती के इस फैसले के बाद शनिवार को जयप्रकाश सिंह की पार्टी में वापसी हो गई. इसके साथ ही उनको पश्चिम बंगाल और ओडिशा राज्य में पार्टी संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी दी गई है.
जय प्रकाश की ऐसे हुई वापसी
बसपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के साथ नेशनल कोआर्डिनेटर रहे जयप्रकाश सिंह ने बीते माह पार्टी की नीति के विरुद्ध सात साल पहले राहुल गांधी के खिलाफ दिए गए बयान को लेकर सार्वजनिक मंच से मायावती से माफी मांगी थी. इसके बाद से उनकी बसपा में वापसी होने की अटकलें लगाई जा रही थी.
बताया जाता है कि मायावती के भाई आनंद कुमार के नजदीकी रहे जय प्रकाश गत सोमवार को लखनऊ में सतीश चंद्र मिश्र और आकाश आनंद से मिले थे. पार्टी के इन दोनों नेताओं से मिलकर उन्होने 17 जुलाई 2018 को लखनऊ में पार्टी के जोन स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन में राहुल गांधी और सोनिया गांधी को लेकर विवादित बयान देने के लिए खेद जताया.
मायावती से मिलने का आग्रह किया. जयप्रकाश के इस आग्रह के बारे में मायावती को बताया गया तो उन्होने जयप्रकाश दिल्ली मिलने के लिए बुलाया. शुक्रवार की शाम मायावती से जयप्रकाश मिले और अपने बयान के लिए खेद जताया. यह दावा भी किया कि भविष्य में वह पार्टी की नीतियों का ध्यान रखते हुए बयान देंगे और पार्टी के अनुशासन को बनाया रखेंगे.
इसकी के बाद शनिवार को जयप्रकाश की बसपा में वापसी हो गई. कुछ इसी तरफ से मायावती के भतीजे आकाश आनंद और फिर समधी अशोक सिद्धार्थ की भी पार्टी में वापसी कुछ समय पहले हुई थी. आकाश आनंद और अशोक सिद्धार्थ को भी माफी मांगने के बाद ही पार्टी में मायावती ने वापस लिया था.
क्या विवादित बयान दिया था
गौतमबुद्धनगर में जन्मे जयप्रकाश सिंह ने वर्ष 1986 में बसपा में शामिल हुए थे. एलएलएम की डिग्री धारक जयप्रकाश ने वर्ष 2009 में घर परिवार छोड़कर खुद को बहुजन आंदोलन में समर्पित कर दिया था और दिल्ली में कमरा लेकर रहने लगे. दिल्ली में ही उनकी मुलाक़ात मायावती के भाई आनंद कुमार से हुई.
पार्टी के लिए पूरी तरह से समर्पित जयप्रकाश को मायावती ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के साथ नेशनल कोऑर्डिनेटर पद की जिम्मेदारी दी तो वह सुर्खियों में आ गए. लेकिन 17 जुलाई 2018 को लखनऊ में पार्टी के जोन स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान जयप्रकाश सिंह ने वंशवादी राजनीति पर हमला बोलते हुए यह कहा कि राहुल गांधी की मां विदेशी मूल की हैं.
इसलिए राहुल गांधी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं हो सकते. उनके इस बयान को मायावती ने पार्टी लाइन के विपरीत माना और उन्हे तत्काल ही पार्टी से निकाल दिया. तब से वह पार्टी से दूर थे. अब सात साल बाद मायावती ने उन्हे माफ करते हुए पार्टी में वापस लिया है.