अपराधियों की काली कमाई जब्त कर पीड़ितों में बांटेगी योगी सरकार?, डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा-डीएम और एसपी कड़ाई से पालन करें

By राजेंद्र कुमार | Updated: November 26, 2024 18:08 IST2024-11-26T18:07:41+5:302024-11-26T18:08:22+5:30

UP Black earnings criminals: प्रशांत कुमार का कहना है कि बीएनएस-2023 के लागू होने से पहले पुलिस को अपराधियों द्वारा अपराध से अर्जित संपत्ति के अधिग्रहण अथवा कुर्की के अधिकार दण्ड प्रक्रिया संहिता में नहीं थे.

UP black earnings of criminals confiscated distributed among victims yogi sarkar DGP Prashant Kumar said DM and SP should strictly follow uttar pradesh | अपराधियों की काली कमाई जब्त कर पीड़ितों में बांटेगी योगी सरकार?, डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा-डीएम और एसपी कड़ाई से पालन करें

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Highlightsउत्तर प्रदेश गिरोह बन्द अधिनियम आदि में ही पुलिस को इस प्रकार की संपत्ति को जब्त किए जाने का प्राविधान था.धारा-107 के तहत आपराधिक द्वारा अर्जित अवैध संपत्ति को अधिग्रहण अथवा कुर्क करने का अधिकार पुलिस को मिल गया है.ज्ञान में आने पर कि अभियुक्त ने आपराधिक कृत्य के माध्यम से वह संपत्ति अर्जित की है.

लखनऊः उत्तर प्रदेश में बड़े माफिया गिरोहों में सक्रिय अपराधियों के खिलाफ सूबे की योगी सरकार भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा-107 के तहत कार्रवाई कर अपराधियों की काली कमाई जब्त कर, उससे पीड़ितों में बांटेगी. सूबे के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक (एसपी), जिलाधिकारी (डीएम), एसएसपी और पुलिस कमिश्नरों को इस संबंध में एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) जारी कर दी है. जिसके चलते सूबे में अब माफिया और अपराधियों द्वारा अपराध से अर्जित संपत्ति को पुलिस जब्त करेगी.

फिर जब्त की गई संपत्ति को अदालत के आदेश पर कुर्क किया जाएगा. फिर कुर्क की गई संपत्ति को नीलाम कर उससे मिलने वाली धनराशि को पीड़ितों में वितरित किया जाएगा. प्रशांत कुमार का कहना है कि कानून के पुलिस को मिले इस अधिकार से अपराधियों की गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सकेगा.

बीएनएस की धारा 107 के तहत जब्त होगी अवैध संपत्ति

प्रशांत कुमार का कहना है कि बीएनएस-2023 के लागू होने से पहले पुलिस को अपराधियों द्वारा अपराध से अर्जित संपत्ति के अधिग्रहण अथवा कुर्की के अधिकार दण्ड प्रक्रिया संहिता में नहीं थे. कुछ विशेष अधिनियमों पीएमएलए व उत्तर प्रदेश गिरोह बन्द अधिनियम आदि में ही पुलिस को इस प्रकार की संपत्ति को जब्त किए जाने का प्राविधान था.

अब पहली जुलाई से देश में लागू नए आपराधिक कानूनों के तहत बीएनएस की धारा-107 के तहत आपराधिक द्वारा अर्जित अवैध संपत्ति को अधिग्रहण अथवा कुर्क करने का अधिकार पुलिस को मिल गया है. धारा-107 में यह व्यवस्था की गई है कि विवेचना अधिकारी को विवेचना के दौरान विश्वसनीय रूप से यह तथ्य संज्ञान में आने पर कि अभियुक्त ने आपराधिक कृत्य के माध्यम से वह संपत्ति अर्जित की है.

 उसे जब्त किया जा सकता है. अपराधी की संपत्ति को जब्त करने के पहले विवेचक को यह पता करना होगा कि अपराधी की संपत्ति अपराध की आय से किस तरह जुड़ी हुई है. साथ ही विवेचक को अपराधी की आय के स्रोत, आयकर रिटर्न, खरीदी गई संपत्ति के भुगतान आदि के तरीकों की भी जानकारी हासिल करनी होगी.

इसी के बाद अपराधी की संपत्ति की कुर्की और नीलामी की कार्रवाई की जाएगी. प्रशांत कुमार के मुताबिक जिले के अधिकारियों को बताया गया है कि अपराधियों द्वारा अर्जित की गई अवैध संपत्ति को जानकारी होने पर संबंधित जिले के डीएम दो महीने के भीतर अपराधी की जब्त संपत्ति की नीलामी करेंगे. इस कुर्क संपत्ति की नीलामी कर उससे प्राप्त आय को अपराध से प्रभावित लोगों (पीड़ितों)  में बांटेंगे. 

Web Title: UP black earnings of criminals confiscated distributed among victims yogi sarkar DGP Prashant Kumar said DM and SP should strictly follow uttar pradesh

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