लखनऊः पूरी दुनिया में इस वक्त एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की धूम मची है. एआई एक ऐसी तकनीक है जो कंप्यूटर और मशीनों को इंसानों की तरह सोचने, सीखने, समझने और काम करने की क्षमता देती है. जिसके चलते दुनिया भर में लोग एआई की बारीकियों को सीखने के कोर्स चला रहे हैं, ताकि उसके जरिए डॉक्टर, वकील, इंजीनियर, शिक्षक, कारोबारी सहित समाज के हर क्षेत्र में कार्यरत लोग एआई के जरिए अपने काम को आसान बनाना का तरीका सीख सकें. एआई की इस खूबी के चलते उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने प्रदेश के सभी विधायकों को एआई की बारीकियों को सीखने का फैसला किया. उनके इस फैसले के तहत इसी 10 अगस्त को देश में पहली बार यूपी विधानसभा में आईआईटी प्रोफेशनल विधायकों को एआई में दक्ष करेंगे.
विधानसभा में यह पहला मौका होगा जब सत्तापक्ष और विपक्ष के विधायक दो घंटे तक छात्र की तरह आईआईटी के प्रोफेसर से यह सीखेंगे कि कैसे वह अपने कंप्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल पर एआई का उपयोग करें. कैसे इस तकनीक के जरिए अपने भाषण लिखे, लोगों के पत्रों का जवाब दें और अपने विधानसभा क्षेत्र का रिकॉर्ड तैयार करें.
यहीं नहीं सदन में दिए गए अपने भाषण की क्लिप भी कैसे अपने मोबाइल और लैपटॉप में सुरक्षित रखें ताकि उसे समय पर आसानी से प्राप्त किया जा सके. प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के अनुसार, इसी 11 अगस्त से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में विधानसभा एप को एआई से जोड़ा जाएगा.यह पहला मौका होगा जब यूपी की विधानसभा एआई से लैस होगी.
अभी तक देश की कोई भी विधानसभा एआई से लैस नहीं हैं.ये तकनीक लागू होने के बाद सदन की वीडियो रिकार्डिंग भी एआई आधारित सर्च से लिंक हो जाएगी. इसका सबसे बड़ा फायदा होगा कि कोई भी विधायक अपने भाषण या दस्तावेजों का अंश निकाल सकेगा. सतीश महाना का कहना है कि एआई तकनीक के बारे में अभी अधिकांश विधायक अवगत नहीं है,
इसलिए उनको एआई तकनीक में दक्ष करने के लिए एआई की प्रशिक्षण क्लास आयोजित करने का फैसला लिया गया. ये प्रशिक्षण पूरी तरह स्वैच्छिक रहेगा और किसी भी सदस्य पर बाध्यकारी नहीं है. इस एआई क्लास का मकसद है कि विधानसभा के सदस्य एआई टूल को आसानी से समझें और अपनी जिम्मेदारियों में उनका उपयोग कर सकें. भविष्य में विधानसभा में विशेष एआई सहायता इकाइयों का गठन भी किया जाएगा. ये इकाइयां विधायकों को कानूनी अनुसंधान, दस्तावेजों की जांच और नीतिगत अध्ययनों में तकनीकी सहयोग देंगी.
विधानसभा सचिवालय की योजना है कि विधायकों और उनके कर्मचारियों के लिए नियमित कार्यशालाओं का आयोजन किया जाए, ताकि वे एआई उपकरणों के उपयोग में दक्ष हो सके. इस प्लान के तहत ही सभी विधायकों को आईआईटी प्रोफेशनल एआई की बारीकियों को सिखाएंगे.
एआई पाठशाला में यह सब सीखेंगे विधायक
विधायकों को इस एआई पाठशाला में एआई के जरिए बिल ड्राफ्ट करने, कानूनी समस्याओं की पहचान करने और अन्य राज्यों या देशों के कानूनों की तुलना करना विधायकों को सिखाया जाएगा. यही नहीं एआई के जरिए हर विधायक संपत्तियों या समाज के अन्य हितों से जुड़े संभावित टकरावों की जांच कैसे करें, यह भी सिखाया जाएगा.
सोशल मीडिया, सर्वेक्षण और याचिकाओं के माध्यम से एआई नागरिकों की राय कैसे विधायक जाने यह भी सिखाया जाएगा. इसके अलावा किसी भी प्रस्तावित कानून के सामाजिक और आर्थिक प्रभावों का पूर्वानुमान कैसे लगाए जाए. इसका भी पाठ विधायकों को एआई पाठशाला में पढ़ाया जाएगा.
एआई के जरिए विधायक पुराने दस्तावेजों, बहसों और रिपोर्टों को कैसे खोज तथा एआई डैशबोर्ड के माध्यम से सरकारी परियोजनाओं की प्रगति और खर्च की रियल-टाइम निगरानी कैसे की जाए इसका भी पाठ पाठशाला में सभी विधायक पढ़ेगे. फिलहाल सतीश महाना और उनकी टीम 10 अगस्त को होने वाली एआई पाठशाला को लेकर खासे उत्साहित हैं. वह कहते हैं कि यूपी विधानसभा में अत्याधुनिक एआई कैमरे लगाए जाने के निर्णय के बाद ये दूसरा फैसला है जो न केवल विधायिका परिसर को हाईटेक करेगा बल्कि उसके सदस्यों को भी एआई से लैस करेगा.