UP Assembly Bypolls: उत्तर प्रदेश में विधानसभा की नौ सीटों पर होने वाले चुनाव की तस्वीर गुरुवार को साफ हो गई. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नामांकन दाखिल किए जाने के एक दिन पहले चुनाव लड़ने वाले आठ उम्मीदवारों के नामों की सूची जारी कर दी. भाजपा ने मीरापुर सीट अपने सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) को दी है. रालोद ने श्रीमती मिथलेश पाल को इस सीट से चुनाव मैदान में उतारा है. समाजवादी पार्टी (सपा) सात सीटों पर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के नाम घोषित कर चुकी थी और गुरुवार को गाजियाबाद से सिंह राज जाटव और खैर सीट से चारू कैन को उम्मीदवार बनाने का ऐलान कर दिया गया. वही बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने आठ सीटों पर उम्मीदवार खड़ा करने का फैसला किया है.
जबकि असदुद्दीन ओवैसी के नेतृव वाले पिछड़े, दलित और मुस्लिम (पीडीएम) गठबंधन ने तीन सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए है. ऐसे में अब यह साफ हो गया है कि यूपी में नौ सीटों पर होने वाले उपचुनाव में भाजपा और सपा के बीच ही चुनावी फाइट होगी.
भाजपा का सामाजिक समीकरण साधने का प्रयास
सूबे के यह भी कहा जा रहा ही कि यूपी में भाजपा और सपा के बीच होनी वाली सियासी जंग योगी सरकार के कामकाज के बजाए जातीय संघर्ष के आधार पर होगी. गुरुवार को भाजपा द्वारा घोषित किए गए आठ उम्मीदवारों को लेकर यह दावा किया जा रहा है. भाजपा उम्मीदवारों की सूची में पिछड़े और दलित समाज के साथ ही अपरकास्ट का ख्याल भी रखा गया है.
यही वजह है कि भाजपा ने मुरादाबाद की कुंदरकी सीट से रामवीर सिंह ठाकुर को टिकट दिया है, जो क्षत्रिय बिरादरी से आते हैं, जबकि गाजियाबाद से संजीव शर्मा को टिकट दिया है, जो कि ब्राह्मण हैं. अलीगढ़ की खैर सुरक्षित सीट से दलित उम्मीदवार सुरेंद्र दिलेर को तथा मैनपुरी की करहल सीट से अनुजेश यादव और प्रयागराज की फूलपुर सीट से दीपक पटेल को चुनाव के मैदान में उतारा है.
कानपुर नगर की सीसामऊ सीट से सुरेश अवस्थी को प्रत्याशी बनाया है.अकबरपुर की कटेहरी सीट से धर्मराज निषाद और मिर्जापुर की मझवां सीट से शुचिस्मिता मौर्या को टिकट दिया है. ये सभी ओबीसी बिरादरी से आते हैं. भाजपा ने ओबीसी में भी यादव, पटेल, निषाद और मौर्य के जरिए राजनीतिक लिहाज से अहम पिछड़े वर्ग के अलग-अलग वर्ग को साधने का प्रयास किया है. इसके साथ ही मैनपुरी की करहल सीट से भाजपा ने अखिलेश यादव के दूर के रिश्तेदार अनुजेश यादव को टिकट दे दिया वहां के मुक़ाबले को रोचक बनाने के प्रयास किया है.
कांग्रेस सपा के उम्मीदवार को सपोर्ट करेगी
सपा नेताओं के अनुसार भाजपा ने सपा के उम्मीदवारों को देखकर ही अपने उम्मीदवार तय किए हैं. सपा ने पहले ही सात सीटों पर चुनाव लड़ने वाले अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया था. जबकि गाजियाबाद और खैर सीट कांग्रेस के लिए छोड़ी थी. कांग्रेस के नेताओं ने इन दोनों सीटों पर चुनाव लड़ने के मना कर दिया.
गुरुवार को कांग्रेस के यूपी प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे ने कहा कि यूपी में कांग्रेस विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगी. सभी सीटों पर सपा चुनाव लड़ेगी. कांग्रेस सपा के उम्मीदवार को सपोर्ट करेगी. इंडिया गठबंधन के तहत कम सपा के सभी प्रत्याशियों को पूरी ताकत से जिताने का काम करेंगे.
इस देश के संविधान और देश के मूल्यों को बचाने के लिए और भाजपा के हराने के लिए जनता के हित में यह आवश्यक निर्णय लिया गया है. उन्होने यह भी कहा है कि यूपी में भाजपा और सपा के बीच ही सीधा मुक़ाबला होना है. बसपा भले ही आठ सीटों पर चुनाव लड़ रही है लेकिन उसकी मंशा भाजपा को हराने की नहीं है बल्कि बसपा तो इंडिया गठबंधन को आगे बढ़ने से रोकने के लिए ही चुनाव लड़ रही है.
बसपा और पीडीएम ने इस सीटों पर उतारे उम्मीदवार
बसपा ने करहल सीट से अवनीश कुमार शाक्य को टिकट दिया है. जबकि अम्बेडकरनगर जिले की कटेहरी सीट से अमित वर्मा, प्रयागराज की फूलपुर सीट से जितेंद्र कुमार सिंह और मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट से शाह नजर को चुनाव मैदान में उतारा है. कानपुर नगर की सीसामऊ से वीरेंद्र कुमार शुक्ला को मुरादाबाद की कुंदरकी सीट से रफतउल्ला उर्फ नेता छिद्दा को गाजियाबाद विधानसभा सीट से परमानंद गर्ग को मिर्जापुर की मझवां सीट से दीपक तिवारी को और करहल सीट पर अवनीश कुमार शाक्य को चुनाव मैदान में उतारा है.
असदुद्दीन ओवैसी के पीड़ीएम गठबंधन ने कुंदरकी सीट से मोहम्मद वारिस और मीरापुर सीट से अरशद राणा को चुनाव मैदान में उतारा है. ये दोनों उम्मीदवार ओवैसी की एआईएमआईएम से संबंधित हैं. जबकि मझवां सीट से पीडीएम की सहयोगी प्रगतिशील मानव समाज पार्टी ने स्वयंबर पाल को कैंडिडेट घोषित किया है.