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केन्द्रीय कैबिनेट कृषि कानून की वापसी पर 24 नवंबर को दे सकती है मंजूरी

By रुस्तम राणा | Updated: November 21, 2021 15:30 IST

है। केन्द्र सरकार के सूत्र के मुताबिक बुधवार, 24 नवंबर को केन्द्रीय कैबिनेट तीनों कृषि कानून की वापसी पर अपनी मंजूरी दे सकती है।

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ठळक मुद्देकानून वापसी की प्रकिया को तेजी से कर सकती है मोदी सरकारकिसानों को शांत करना अब भी है सरकार की चुनौती

केन्द्र सरकर कृषि कानून वापसी की प्रक्रिया तेजी से अमल में लाएगी। संसद के शीत शत्र में सरकार इस काम को प्राथमिक रूप से कर सकती है। केन्द्र सरकार के सूत्र के मुताबिक बुधवार, 24 नवंबर को केन्द्रीय कैबिनेट तीनों कृषि कानून की वापसी पर अपनी मंजूरी दे सकती है। 

साल 2022 के शुरुआती महीनों में 5 राज्यों में होने हैं चुनाव

आगामी 5 राज्यों (यूपी, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर) के चुनावों में भाजपा या एनडीए की अन्य पार्टियों को किसी तरह का नुकसान न हो, इस उद्देश्य से कानून वापसी की प्रक्रिया में तेजी दिखाई जा सकती है। इस बैठक में एमएस पी पर विचार किया जा सकता है। किसान आंदोलन को थामने के लिए पीएम मोदी बीते शुक्रवार को कानून वापसी का ऐलान किया था। 

आगामी संसद सत्र में कानूनों को वापस  करने का आश्वासन

पीएम मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा था, आज मैं आपको, पूरे देश को, ये बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है। इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में, हम इन तीनों कृषि कानूनों को वापस करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे। 

किसानों से की थी घर लौटने की अपील

इस दौरान पीएम मोदी ने आंदोलन कर रहे किसानों से भी घर लौटने की अपील की थी। पीएम मोदी ने कहा, मैं आंदोलन कर रहे किसानों से गुरु पर्व के मौके पर अपील करता हूं कि आप अपने अपने घर लौट जाएं। आप खेतों में लौटें, परिवार के बीच लौटें, आईए मिलकर एक नई शुरुआत करते हैं। 

एसकेएम ने स्पष्ट कहा है आंदोलन रहेगा जारी

उधर, संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन को जारी रखने को स्पष्ट रूप से कह दिया है। किसान संगठनों की मांग है कि जब तक ये तीनों कृषि कानून संसद में वापस नहीं हो जाते तब तक आंदोलन चलता रहेगा। इसके साथ ही रविवार को हुई किसान संगठन की बैठक में किसानों ने एमएसपी कमेटी को बनाने, आंदोलन के दौरान हुए किसानों पर मुकदमों को वापस लेने और केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी की मांग की है। 

टॅग्स :किसान आंदोलनमोदी सरकारFarmer Agitation
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