संयुक्त राष्ट्र:यूक्रेन पर रूस के हमले की निंदा करने वाले और उसके सैनिकों को तत्काल वापस बुलाने की मांग वाले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक प्रस्ताव को रूस ने शुक्रवार को वीटो कर दिया।
वहीं, अमेरिका और अल्बानिया और द्वारा लिखित पेश किए गए इस प्रस्ताव को 15 सदस्यों वाले परिषद में 11 सदस्य देशों ने अपनी मान्यता दी। वहीं, इस प्रस्ताव पर वोटिंग के दौरान भारत, चीन और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) अनुपस्थित रहे।
इस प्रस्ताव का गिरना तय था क्योंकि परिषद का स्थायी सदस्य होने के कारण रूस के पास वीटो शक्ति है। सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य होने के कारण रूस के साथ अमेरिका, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन के पास वीटो शक्ति है।
इसके बावजूद प्रस्ताव के रखे जाने से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के कदम की निंदा करने के लिए सदस्य देशों को एक महत्वपूर्ण मंच मिला।
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने मतदान के बाद कहा मुझे एक बात साफ करने दीजिए रूस, आप प्रस्ताव को वीटो कर सकते हैं, लेकिन आप हमारी आवाज को वीटो नहीं कर सकते, आप सच्चाई को वीटो नहीं कर सकते, आप हमारे सिद्धांतों को वीटो नहीं कर सकते, आप यूक्रेनी लोगों को वीटो नहीं कर सकते।
फिलहाल रूस सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष है और यह प्रस्ताव एक बार फिर से 193 सदस्य देशों वाले संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में पेश किया जा सकता है।
संयुक्त राष्ट्र में ब्रिटेन की राजदूत बारबरा वुडवर्ड ने कहा कि कोई गलती न करें, रूस अलग-थलग है। यूक्रेन के आक्रमण के लिए इसका कोई समर्थन नहीं है।