संजय रानडे
नागपुरः विगत कुछ दिनों में बाघों की मृत्यु से चर्चा में रहे उमरेड-पवनी-करांडला वन्यजीव अभयारण्य के लिए आनेवाले दिन अच्छे साबित होने की उम्मीद बढ़ गई है.
नागपुर और भंडारा जिले में फैले इस अभयारण्य में हाल ही में पर्यटकों को हर रोज बाघ दर्शन हो रहा है. फेयरी नामक टी-3 बाघिन ने अपने पांच शावकों के साथ पर्यटकों को खुलकर दर्शन दिया है. इससे अब लग रहा है कि पर्यटकों के कदम पुन: इस अभयारण्य की तरफ बढ़ने लगेंगे.
बुधवार को सुबह पर्यटकों को यह बाघिन शावकों के साथ दिखने पर अनेकों ने उसे कैमरे में कैद किया है. कुछ घंटों में ही यह वीडियो वायरल भी हो गया. बुधवार को सुबह गोठणगांव प्रवेश द्वार से पर्यटन के लिए पहुंचे पर्यटकों को सुबह-सुबह पीले-काले पट्टों के पांच नए मेहमान अपनी मां के साथ नजर आए.
वन्यजीव अभयारण्य के लिए खुशी
पेंच व्याघ्र प्रकल्प के क्षेत्रीय संचालक तथा मुख्य वनसंरक्षक डॉ. रविकिरण गोवेकर ने लोकमत समाचार के साथ बातचीत में इसकी पुष्टि की है. सफारी के दौरान मां के साथ पांच शावकों का दिखना उमरेड-पवनी-करांडला वन्यजीव अभयारण्य के लिए खुशी की घटना मानी जा रही है.
उन्होंने कहा कि इस अभयारण्य में वन विभाग द्वारा किए गए बाघ संरक्षण कारगर होने का यह सबूत है. अधिवास विकास कार्यों में सुधार का का यह असर है. यह सभी शावक एक माह की आयु के हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार, जंगल सफारी के लिए अनेक पर्यटक गोठणगांव प्रवेशद्वार से दाखिल हुए थे.
सफारी दौरान परिसर में कॉलिंग सुनाई आने से पर्यटक कुछ देर के लिए रुक गए थे. प्रतीक्षा के दौर में ही सड़क किनारे स्थित झाडि़यों से अचानक फेयरी बाहर निकल आई. उसके पीछे-पीछे छोटे-छोटे तीन शावक चलने लगे. मां के साथ वह कुछ दूरी पर स्थित सुरक्षित स्थान पर पहुंचे. उनको सुरक्षित रखकर बाघिन फिर वापस लौट आई. पुन: अपने साथ दो शावकों को ले गई.
पर्यटक खुशी से झूम उठे
यह प्रसंग देखकर पर्यटक खुशी से झूम उठे. नागपुर जिले के पूर्व मानद वन्यजीव रक्षक रोहित कारू ने कहा कि अगर फेयरी ने पांच शावकों ने जन्म दिया होगा, तो यह बड़ी घटना है. बाघों की अधिकृत संख्या में इसे अभी शामिल नहीं किया गया है. इन शावकों के संरक्षण का बड़ा जिम्मा वन विभाग पर आ गया है.
पिछले एक वर्ष इस अभयारण्य के पास दिखाने के लायक विशेष कुछ ऐसा नहीं था. इसके उलट अलग-अलग घटनाओं में दो बाघों को गंवाना पड़ा है. कारू ने कहा कि अब इन शावकों के संवर्धन के लिए वन विभाग को अब कुछ समय के लिए इस मार्ग को पर्यटकों के लिए बंद कर देना चाहिए.
शावकों ने बढ़ाई उम्मीदः जय की मृत्यु के कारण पिछली कुछ अवधि में इस अभयारण्य की लोकप्रियता कम हो गई थी. इस अवधि में तीन शावकों के साथ बाघों की शिकार की घटना भी हुई थी. इसकी पृष्ठभूमि में नए पांच शावकों का इस वन में आगमन हो गया है. इसके बहाने इस अभयारण्य की तरफ पुन: पर्यटकों के कदम बढ़ने का भरोसा व्यक्त किया जा रहा है.