प्रयागराज: उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी असद अहमद और गुलाम के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद तमाम विपक्षी पार्टियां सत्ताधारी बीजेपी सरकार पर सवाल खड़े कर रही हैं। इसी कड़ी में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर बड़ा सवाल खड़ा करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने असद और गुलाम की मौत पर कहा, "मुझे समझ नहीं आ रहा है कि लोग इसका जश्न क्यों मना रहे हैं। याद रखिए 'जैसा काम करोगे वैसा ही फल मिलेगा', आप त्योहार का माहौल बना रहे हैं। महात्मा गांधी के कातिल को मारा गया या जेल में डाला गया? आपने उसका एनकाउंटर किया था क्या?"
यूपी पुलिस की मुठभेड़ की वैधता पर सवाल खड़ा करते हुए ओवैसी ने असद और गुलाम के एनकाउंटर को महात्मा गांधी की मौत से जोड़ दिया है, ओवैसी का कहना है कि क्या महात्मा गांधी के हत्यारें की भी ऐसी मुठभेड़ में मौत हो सकती थी?
एआईएमआईएम चीफ ने शुक्रवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार हत्या की जांच की जाएगी लेकिन ये मुठभेड़ नहीं होनी चाहिए थी। उन्होंने कहा, "उमेश पाल, राजू पाल से हमदर्दी है क्योंकि उनकी हत्या की गई लेकिन जो तथाकथित एनकाउंटर है वह नहीं होना चाहिए था।"
उन्होंने कहा, "आप क़ानून के तहत सज़ा दिलाएं। हम किसी माफिया या डॉन का समर्थन नहीं कर रहे हैं लेकिन हम एनकाउंटर के खिलाफ हैं।" उन्होंने कहा कि आपके पास पुख्ता सबूत नहीं है, अगर होते तो आप उन्हें पकड़कर न्यायिक व्यवस्था के तहत सजा दिलाते। आप जिसे एनकाउंटर बता रहे हैं वह सही नहीं है।
गुरुवार को उत्तर प्रदेश पुलिस ने जानकारी दी कि उन्होंने झांसी जिले में एनकाउंटर के दौरान अतीक के बेटे असद अहमद और गुलाम मोहम्मद को मार गिराया है। इस मुठभेड़ के सामने आने के बाद से तमाम राजनीतिक दल इस पर सवाल खड़ा कर रहे हैं।
समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने गहन जांच की मांग की है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मुठभेड़ को "फर्जी" कहा और कहा कि राज्य सरकार वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है, बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि हत्या "विकास दुबे की घटना" की पुनरावृत्ति हो सकती है।
उमेश पाल हत्याकांड से जुड़ा तीसरा एनकाउंटर
जानकारी के अनुसार, असद अहमद और गुलाम मोहम्मद उमेश पाल और उन्हें सुरक्षा देने वाले दो पुलिसकर्मियों की हत्या के आरोपी थे। 6 मार्च को उमेश पाल पर कथित गोली चलाने वाला विजय चौधरी एक अन्य मुठभेड़ में मारा गया।
पुलिस के अनुसार, उमेश पाल की हत्या के बाद अरबाज और चौधरी दोनों की पहचान कई निगरानी कैमरों से की गई थी। इसके बाद अब असद और गुलाम की एनकाउंटर में मौत की खबर सामने आई।
उमेश पाल जो कि 25 जनवरी, 2005 को प्रयागराज में बहुजन समाज पार्टी के विधायक राजू पाल की हत्या का मुख्य गवाह था। राजू पाल की हत्या में अतीक अहमद और उसका भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ मुख्य आरोपी है।