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ब्रिटेन की कोर्ट ने हथियार डीलर संजय भंडारी के भारत प्रत्यर्पण को दी मंजूरी

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: November 7, 2022 21:33 IST

यूके की कोर्ट ने भगोड़े हथियार डीलर संजय भंडारी को दी भारत प्रत्यर्पण की मंजूरी। संजय भंडारी मनी लांड्रिंग औऱ कर चोरी के मामले में वांछित थे।

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ठळक मुद्देयूके की एक कोर्ट ने हथियार डीलर संजय भंडारी के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है संजय भडारी ने भारत के कई रक्षा सौदों में कथिततौर से बिचौलिये की भूमिका निभाई हैआरोप है कि संजय भंडारी ने हथियार सौदे से अकूत काली संपत्ति बनाई है और टैक्स चोरी की है

लंदन: हथियारों की खरीदारी में बिचौलिये की भूमिका निभाने वाले संजय भंडारी को यूके की एक कोर्ट ने भारत प्रत्यर्पण की मंजूरी दे दी है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियां संजय भंडारी को मनी लांड्रिंग के मामले में सजा देने के लिए ब्रिटेन से भारत लाना चाहती थीं।

60 साल के संजय भडारी ने भारत के कई रक्षा सौदों में कथिततौर से बिचौलिये की भूमिका निभाई है और उन सौदों की एवज में अकूत काली संपत्ति खड़ी की है। इसके अलावा संजय भंडारी पर टैक्स चोरी के भी आरोप हैं।

लंदन की कोर्ट ने सोमवार को इस संबंध में भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की ओर से दायर की गई अपील पर सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया कि भारत में हथियार सौदे के बिचौलिए और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी संजय भंडारी को ब्रिटेन से इंडिया के लिए डीपोर्ट कर दिया जाए।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक इस साल की शुरुआत में लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में इस मामले की सुनवाई करने वाले जज माइकल स्नो ने स्पष्ट किया था कि संजय भंडारी को इंडिया भेजे जाने में कोई रोक नहीं है और उन्होंने इस मामले को यूके की गृह सचिव सुएला ब्रेवरमैन को अग्रिम फैसला करने के लिए भेजा था, जो प्रत्यर्पण का आदेश जारी करने के लिए अधिकृत हैं।

मामले में सुनवाई करते हुए जज माइकल स्नो ने कहा, "मैं भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के दिये तर्क से पूरी तरह से सहमत हूं, भंडारी के प्रत्यर्पण में कोई भी अड़चन नहीं है और मैं इस पर फैसला जारी करने के लिए राज्य सचिव ब्रेवरमैन को भेज रहा हूं।"

हालांकि, साथ में जज माइकल स्नो ने कहा कि मैं भारत सरकार के उन आश्वासनों से भी संतुष्ट हूं कि संजय भंडारी को मुकदमे की सुनवाई के दौरान दिल्ली में तिहाड़ जेल में एक अलग सेल में रखा जाएगा, जहां उनकी स्वास्थ्य सुविधाओं का पूरा ख्याल रखा जाएगा।

मालूम हो कि संजय भंडारी के प्रत्यर्पण के लिए भारत सरकार ने ब्रिटेन की तत्कालीन गृह सचिव प्रीति पटेल से जून 2020 में अपील की थी। जिसमें पटेल ने भारत के साथ पूरे सहयोग की बात कही थी। जिसके बाद उसी साल जुलाई में संजय भंडारी को प्रत्यर्पण वारंट के आधार पर गिरफ्तार कर लिया था।

भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने संजय भंडारी के प्रत्यप्रण के लिए ब्रिटेन की अदालत में जिन दस्तावेजों को सौंपा था। उसमें संजय भंडारी पर लगे धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के तहत मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप, काले धन (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) को रखना शामिल है।

संजय भंडारी साल 2015 से ही लंदन में रह रहे थे, जिनपर आरोप है कि उन्होंने विदेशी संपत्ति को छुपाया, भारतीय कर अधिकारियों को घोषित नहीं की गई संपत्ति से लाभ कमाया, अधिकारियों को गलत सूचना दी कि उनके पास विदेश में कोई संपत्ति नहीं है।

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