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केंद्र ने यूआईडीएआई की नई गाइडलाइन को वापस लेते हुए कहा, "आधार पहचान पत्र पूरी तरह से सुरक्षित, नहीं है डरने की जरूरत"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: May 29, 2022 18:55 IST

यूआईडीएआई की नई गाइडलाइन के संबंध में केंद्र सरकार की इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्यागिकी मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा आधार पहचान पत्र पूरी तरह से सुरक्षित है और यूआईडीएआई की ओर से जारी की गई गाइडलाइन को वापस लिया जाता है।

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ठळक मुद्देकेंद्र सरकार ने यूआईडीएआई द्वारा जारी की गई नई गाइडलाइन को वापस लिया केंद्र सरकार ने यूआईडीएआई के दावे के इतर आधार पहचान पत्र को पूरी तरह से सुरक्षित बताया

दिल्ली: केंद्र सरकार ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) द्वारा जारी की गई आधार पहचान पत्र के दुरुपयोग वाले नई गाइडलाइन को नकारते हुए उसे पूरी तरह से सुरक्षित बताया है। 

इस मामले में केंद्र की इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्यागिकी मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा आधार पहचान पत्र पूरी तरह से सुरक्षित है और यूआईडीएआई की ओर से जारी की गई गाइडलाइन एक सामान्य प्रक्रिया है। इसके लिए किसी को डरने की आवश्यकता नहीं है।

केंद्र की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यूआईडीएआई की ओर से जारी की गई नई गाइडलाइन से लोगों के मन में दुविधा उत्पन्न हो रही है, इसलिए केंद्र सरकार जनता से यह सुनिश्चित करना चाहती है कि आधार पत्र का उपयोग पहचान के लिए पहले की तरह ही किया जा सकता है। 

इसके साथ ही सरकार ने जनता को आश्वस्त करते हुए कहा कि आधार पहचान पत्र सुरक्षित फिचर्स से पूरी तरह से लैस है और इसमें शामिल की गई लोगों की गोपनीय जानकारी मसलन बायोमेट्रीक पहचान, रेटिना पहचान और अन्य शामिल दस्तेवज पूरी तरह से सिक्योर हैं। इसलिए इल मामले में किसी को बी पैनिक होने की जरूरत नहीं है और इस कारण यूआईडीएआई की जारी की गई गाइडलाइन को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाता है।

मालूम हो कि इससे पहले यूआईडीएआई ने एक बयान जारी करते हुए आधार पहचान पत्र धारकों को आगाह किया था कि वो अपने आधार की फोटोकॉपी किसी भी संगठन या व्यक्ति के साथ साझा न करें। इससे फ्रॉड होने की संभावना है।

यूआईडीएआई ने कहा था कि लोगों को किसी भी तरह के दुरुपयोग या फ्रॉड से बचने के लिए केवल मास्क आधार पहचनापत्र का ही उपयोग करना चाहिए, जो आपके आधार संख्या के केवल अंतिम 4 अंक को दर्शाता ह और इसे यूआईडीएआई की आधिकारिक वेबसाइट https://myaadhaar.uidai.gov.in से डाउनलोड किया जा सकता है।

इसके अलावा यूआईडीएआई ने कहा था कि किसी भी आधार पहचना पत्र को https://myaadhaar.uidai.gov.in/verifyAadhaar पर विजिट करके वेरिफाई किया जा सकता है। वहीं  ऑफ़लाइन वेरिफेकेशन के लिए एमआधार मोबाइल एप्लिकेशन में क्यूआर कोड स्कैनर का उपयोग करके ई-आधार या आधार पत्र या आधार पीवीसी कार्ड पर क्यूआर कोड को स्कैन कर सकते हैं। 

यूआईडीएआई की ओर से यह भी कहा गया था कि लोगों को ई-आधार डाउनलोड करने के लिए इंटरनेट कैफे या किसी सार्वजनिक कियोस्क में प्रयोग लाये जाने वाले कंप्यूटर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। हालांकि, यदि लोगों के पास अगर कोई अन्य विकल्प मौजूद न हो तो कैफे में ई-आधार डाउनलोड करने के बाद इस बात को सुनिश्चित करें कि आधार की डाउनलोड की गई प्रतियों को उस कंप्यूटर से हमेशा के लिए डिलीट कर दिया गया हो। 

इसके साथ ही यूआईडीएआई ने कहा था कि आधार पहचान पत्र का इस्तेमाल केवल वही संगठन कर सकते हैं, जिन्हें यूआईडीएआई की ओर से आधार के उपयोग का लाइसेंस दिया गया हो। किसी भी होटल या फिल्म हॉल जैसी बिना लाइसेंस वाली निजी संस्थाओं को अपने पास लोगों का आधार कार्ड की फोटोकॉपी करने या उसे रखने की इजाजत नहीं है। 

यूआईडीएआई के मुताबिक आधार अधिनियम 2016 केहत अगर ऐसा कोई करता है तो वह अपराध की श्रेणी में आयेगा। यदि कोई निजी संस्था आधार कार्ड देखने की मांग करती है या आधार कार्ड की फोटोकॉपी मांगती है, तो इस बात को सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि मांगने वाले संस्था या व्यक्ति के पास यूआईडीएआई द्वारा प्रदान किये गये वैध उपयोग का लाइसेंस है या नहीं। अगर उस व्यक्ति या संस्था के पास आधार के उपयोग का वैध लाइसेंस न हो तो उसे आधार पहचान पत्र कभी नहीं देना चाहिए।

टॅग्स :यूआईडीएआईCentral Governmentमोदी सरकार
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