पुलवामा हमले के एक साल पूरे होने पर कांग्रेस लगातार मोदी सरकार पर सवाल उठा रही है। राहुल गांधी के बाद अब कांग्रेस प्रवक्ता व पूर्व सांसद उदित राज ने पीएम मोदी का बिना नाम लेते हुए आरोप लगाया है कि जो लोग सत्ता पाने के लिये गुजरात में नरसंहार करवा सकते हैं, वो सत्ता बनाये रखने के लिये 40 जवानों की जान का सौदा भी कर सकते हैं। इनके लिये देशभक्ति और राष्ट्रवाद जनता को भरमाने का एक टूल भर है। उन्होंने यह बात ट्वीट कर कही।
उदित राज ने लिखा कि सोशल मीडिया पर राष्ट्रवाद का प्रचार करने वाले लोग अक्सर उच्च जाति के होते हैं और जिन सैनिकों ने मुख्य रूप से हमले में अपनी जान गंवाई वे SC/ST/OBC समुदायों से आते हैं।
बता दें कि हाल ही में पूर्व सांसद उदित राज को कांग्रेस का राष्ट्रीय प्रवक्ता नियुक्त किया गया था। इस साल लोकसभा चुनाव से पहले उदित राज कांग्रेस में शामिल हुए थे। गत लोकसभा में वह भाजपा के टिकट पर उत्तर पश्चिम दिल्ली से चुनाव जीते थे।
पुलवामा अटैक पर राहुल गांधी ने मोदी सरकार को घेरा
एक साल पहले पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए 40 जवानों को लेकर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस में तीखी जंग छिड़ गई है। इस जंग की शुरुआत उस समय हुई जब राहुल गांधी ने ट्वीट किया था और पूछा कि इस हमले में किसको फायदा हुआ। हमले की जांच का क्या हुआ, भाजपा सरकार में इसके लिए कौन जिम्मेदार है, सुरक्षा में खामी कहां हुई जिसके कारण हमला हुआ।
इस ट्वीट के बाद भाजपा के नेता एक के बाद एक राहुल पर टूट पड़े और उनके ट्वीट की पहली लाइन पर बड़ा बवाल खड़ा कर दिया। कांग्रेस भी कहां चुप रहने वाली थी, वह दिनभर भाजपा के हमले का जवाब ढूंढती रही और शाम होते-होते उसने भाजपा को घेर ही लिया।
पार्टी ने पूछा कि वीर फंड में जमा 250 करोड़ रुपये की राशि जो शहीद हुए जवानों के परिवारों की मदद के लिए एकत्रित की गई थी, वहां कहां गई।
पार्टी ने शहीद परिवारों का पूरा विवरण पेश किया और दावा किया कि इन परिवारों को शहदत के समय बड़ी मदद देने का वादा सरकार ने किया था लेकिन आज तक वह वादा पूरा नहीं हुआ। संजू देवी, कौशल कुमार रावत, हरी सिंह, महेश यादव ऐसे ही शहीदों के परिवार है जिनको आज तक एक पैसे की मदद सरकार से नहीं मिली है।
कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने गृह मंत्री अमित शाह पर सीधा हमला करते हुए कहा कि यह फंड उन्हीं की देखरेख में चलता है, जब शहीदों को इस फंड से मदद नहीं दी जा रही है तो यह 250 करोड़ रुपये आखिर कहां खर्च हो रहे हैं।