मुंबई: महाराष्ट्र को पिछले दिनों एकनाथ शिंदे के तौर पर नया सीएम मिला। हालांकि उद्धव ठाकरे ग्रुप अब भी इस बगावत के खिलाफ लगातार कोर्ट का रूख कर रहा है। उद्धव ठाकरे गुट ने महाराष्ट्र के राज्यपाल पर राजनीतिक होने का आरोप लगाया जिसपर बुधवार को सुनवाई हुई। वहीं अब उद्धव ठाकरे ग्रुप फिर से सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस बार राज्यपाल के उस फैसले को चुनौती दी गई है जिसमें शिंदे गुट को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया गया था।
मामले को लेकर कोर्ट 11 जुलाई को सुनवाई करेगा। उद्धव ठाकरे खेमे ने 3 जुलाई को हुई विधानसभा की कार्यवाही को भी चुनौती दी है जहां एक नया अध्यक्ष चुना गया था और 4 जुलाई को फ्लोर टेस्ट हुआ था।
11 जुलाई को होगी नई याचिका पर सुनवाई
ठाकरे खेमे का तर्क है कि जिन 16 बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्रवाई लंबित थी वो विधानसभा की कार्यवाही में भाग नहीं ले सकते थे। बता दें कि बागी विधायकों को लेकर 11 जुलाई को कोर्ट सुनावाई करेगा और उसी दिन उद्धव ठाकरे खेमे की नई याचिका पर भी सुनवाई की जाएगी। हालांकि बागी विधायकों पर फैसले से पहले ही एकनाथ शिंदे ने इन विधायकों के समर्थन के साथ महाराष्ट्र में सरकार बना ली और महाविकास अघाड़ी सरकार गिर गई है।
गवर्नर के राजनीतिक होने का लगाया था आरोप
इससे पहले उद्धव ठाकरे गुट की तरफ से गवर्नर के राजनीतिक होने का आरोप लगाया गया। जिसपर बुधवार को सुनवाई हुई। इस दौरान शिवसेना की ओर से पेश हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ये कहना गलत होगा कि गवर्नर पॉलिटिकल नहीं हो सकता। इन्हीं गवर्नर ने सालों तक 12 सदस्यों को नॉमिनेट नहीं होने दिया। गवर्नर ने किसी भी विधायक से बात तक नहीं की। सिंघवी ने कहा कि गवर्नर ने मुख्यमंत्री तक से बात नहीं की। उन्होंने कहा कि शक्ति परीक्षण इतने कम वक्त में कराने का गवर्नर का आदेश चीज़ो को गलत तरीके से कराने जैसा है।
बागी विधायकों के खिलाफ याचिका पर होगी सुनवाई
गौरतलब है कि एकनाथ शिंदे के गुजरात पहुंचने के बाद से महाराष्ट्र की सियासत में बदलाव की अटकलें तेज़ हो गई थी। जिसके बाद शिवसेना के ज्यादातर विधायकों के समर्थन के साथ शिंदे गुवाहटी पहुंच गए थे। 30 जून को गवर्नर के आमंत्रण पर शिदे ने महाराष्ट्र के सीएम के तौर पर शपथ ली। हालांकि इस बीच कई बार उद्धव ठाकरे ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। बागी विधायकों के खिलाफ भी उद्धव ठाकरे गुट की याचिका पर अब 11 जुलाई को सुनवाई होनी है। बता दें कि उद्धव ठाकरे की तरफ से बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है।