नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र नेता उमर खालिद के खिलाफ दिल्ली में गैर कानूनी गतिविधि (निरोधक) अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया गया है। उमर खालिद के साथ भजनपुरा इलाके के स्थानीय नागरिक दानिश के खिलाफ भी UAPA लगाया गया है। उत्तर पूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ सांप्रदायिक हिंसा से जुड़े मामले में दिल्ली पुलिस ने जामिया के छात्रों मीरन हैदर और सफूरा जरगर के खिलाफ UAPA लगाकर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। हैदर (35) पीएचडी छात्र है और दिल्ली में राजद की युवा इकाई का अध्यक्ष है। जबकि जरगर जामिया मिल्लिया इस्लामिया से एम.फिल कर रहा है। जरगर जहां जामिया समन्वय समिति का मीडिया समन्वयक है वहीं हैदर इस समिति का सदस्य है।
जानें उमर खालिद और जामिया के छात्रों के खिलाफ एफआईआर में क्या-क्या आरोप हैं?
पुलिस ने एफआईआर में दावा किया है कि सांप्रदायिक दंगा एक “पूर्व नियोजित साजिश” था जो कथित तौर पर उमर खालिद व दो अन्य ने रची थी। छात्रों पर देशद्रोह, हत्या, हत्या के प्रयास, धार्मिक आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी फैलाने और दंगे करने का भी मामला है।
एफआईआर के मुताबिक, उमर खालिद ने कथित तौर पर दो स्थानों पर भड़काऊ भाषण दिये थे और भारत में अल्पसंख्यकों का हाल कैसा है इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैलाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दौरे के दौरान लोगों से सड़क पर उतर कर इसे बंद करने के लिये कहा था। प्राथमिकी में दावा है कि इस साजिश में हथियार, पेट्रोल बंद, तेजाब की बोतलें और पत्थर कई घरों में इकट्ठे किये गए।
पुलिस का आरोप है कि सह-आरोपी दानिश को दंगों में हिस्सा लेने के लिये दो जगहों पर लोगों को इकट्ठा करने की जिम्मेदारी दी गई थी। इसमें कहा गया कि महिलाओं और बच्चों से जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे की सड़क को 23 फरवरी को बंद कराया गया जिससे आसपास के लोगों में तनाव पैदा किया जा सके।
दिल्ली पुलिस ने क्या कहा?
दिल्ली पुलिस ने कहा कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया हिंसा और उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगों के मामले में जांच निष्पक्ष तरीके से की गई और वैज्ञानिक साक्ष्यों के विश्लेषण के बाद यह गिरफ्तारियां की गईं। 2019 के दिसंबर में पुलिस कथित तौर पर सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के हिंसक हो जाने के बाद जामिया परिसर में दाखिल हुई थी।
राजद नेता मनोज झा ने किया ट्वीट
राज्यसभा सदस्य और राजद नेता मनोज झा ने ट्वीट किया, “दिल्ली पुलिस ने उसे जांच के लिये बुलाया और फिर ऊपर से आदेश मिलने के बाद मीरन हैदर को गिरफ्तार कर लिया, जो कोरोना वायरस महामारी के दौरान लोगों की मदद कर रहा था।” जामिया के छात्रों और पूर्व छात्रों के समूह, जामिया समन्वय समिति (जेसीसी) ने गिरफ्तारी की निंदा करते हुए उनकी तत्काल रिहाई की मांग की है।
फिल्मी सितारों ने भी रिहाई की मांग की
अनुराग कश्यप, विशाल भारद्वाज,महेश भट्ट और रत्ना पाठक शाह समेत 20 से ज्यादा फिल्मी हस्तियों ने रविवार को एक बयान जारी कर दिल्ली पुलिस द्वारा संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के लिये छात्रों और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किये जाने पर चिंता जाहिर की और उनकी रिहाई की मांग की है। (पीटीआई-भाषा इनपुट के साथ)