पीएम नरेंद्र मोदी ने 5 अप्रैल को रात 9:00 बजे 9 मिनट के लिए स्वेच्छा से लाइट बंद करने की अपील की है। जिसके बाद कई तरह की बातें और अफवाहें फैलाई जा रही है, जिसके बाद बिजली मंत्रालय ने साफ करते हुए कहा है कि कुछ आशंकाएं व्यक्त की गई है कि लाइट बंद करने से ग्रिड और वोल्टेज में उतार-चढ़ाव हो सकता है जो बिजली के उपकरणों को नुकसान पहुंचा सकता है लेकिन ऐसी आशंकाएं गलत हैं। ऊर्जा मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि स्ट्रीट लाइट नहीं बंद की जाएगी। साथ ही घरों के अन्य उपकरण बंद करने की जरूरत नहीं है, केवल लाइट ही बंद करनी है। अस्पतालों और अन्य आवश्यक जगहों पर लाइटें जलती रहेंगी।
पीएम मोदी के अपील के बाद महाराष्ट्र के नेता ने भी इस बात की आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा था कि यदि सभी लाइटों को एक बार बंद कर दिया जाए तो इससे ग्रिड विफल हो सकती है। हमारी सभी आपातकालीन सेवाएं विफल हो जाएंगी और उन्हें बिजली बहाल करने में एक सप्ताह का समय लग सकता है। मैं जनता से अपील करता हूं कि वो बेशक मोमबत्तियों और दीये जलाएं, लेकिन घरों की लाइटों को बंद न करें।
मंत्री नवाब मलिक ने भी पीएम मोदी द्वारा दिए जलाने का विरोध का विरोध किया था। इन सारे अफवाहों के बाद बिजली मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि लाइट बंद करने से किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं आएगी।