त्रिपुराः TMC सांसद अभिषेक बनर्जी ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले का लगाया आरोप, साझा किया वीडियो
By अभिषेक पारीक | Published: August 2, 2021 02:31 PM2021-08-02T14:31:23+5:302021-08-02T14:45:33+5:30
तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद अभिषेक बनर्जी ने सोमवार को आरोप लगाया कि त्रिपुरा में उनके काफिले पर 'भाजपा कार्यकर्ताओं' ने हमला किया था।
तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद अभिषेक बनर्जी ने सोमवार को आरोप लगाया कि त्रिपुरा में उनके काफिले पर 'भाजपा कार्यकर्ताओं' ने हमला किया था। बनर्जी ने ट्विटर पर अपने काफिले के खिलाफ कथित विरोध का एक वीडियो भी साझा किया और भाजपा शासन के तहत ’त्रिपुरा में लोकतंत्र’ पर सवाल उठाए।
बनर्जी ने ट्वीट में कहा, 'त्रिपुरा में भाजपा शासन के दौरान लोकतंत्र! राज्य को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए बहुत अच्छा।' वीडियो में प्रदर्शनकारियों को भाजपा के झंडे के साथ बनर्जी के वाहन पर लाठियों से हमला करते हुए दिखाया गया है। हालांकि इसके बाद बनर्जी ने उदयपुर के त्रिपुरेश्वरी मंदिर में पूजा-अर्चना की।
Democracy in Tripura under @BJP4India rule!
— Abhishek Banerjee (@abhishekaitc) August 2, 2021
Well done @BjpBiplab for taking the state to new heights. pic.twitter.com/3LoOE28CpW
भाजपा और तृणमूल में जुबानी जंग जारी
भाजपा और तृणमूल नेताओं के बीच जुबानी जंग लगातार जारी है और यह आरोपों की श्रृंखला में सबसे नया आरोप है। इससे पहले भाजपा ने आरोप लगाया था कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान उसके कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा हुई थी और तृणमूल के सत्ता में लौटने के बाद भी यह जारी रहा। पार्टी ने दावा किया था कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर पश्चिम बंगाल में हमला किया गया था।
त्रिपुरा के दौरे पर हैं अभिषेक बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी त्रिपुरा के दौरे पर हैं। तृणमूल का दावा है कि त्रिपुरा में उसके पास उचित समर्थन है। त्रिपुरा में 2023 में चुनाव होने हैं। माना जा रहा है कि त्रिपुरा चुनाव के वक्त तक यह जुबानी जंग और तेज हो जाएगी।
प्रशांत किशोर की टीम को लिया था हिरासत में
पिछले रविवार को अगरतला में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की टीम को एक होटल के कमरे में हिरासत में लिया गया था। तृणमूल ने इसकी निंदा की थी और सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा था कि पेशेवर इकाई के युवा लड़के-लड़कियों को अवैध रूप से हिरासत में रखा गया था।