नयी दिल्लीःदिल्ली सरकार का परिवहन विभाग पुराने वाहनों को स्कूल कैब के रूप में पंजीकरण की अनुमति देने के लिए दिशा-निर्देशों में बदलाव करने पर विचार कर रहा है। बशर्ते वे फिटनेस और अन्य मानकों को पूरा करते हों। आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
क्यों लिया गया ये फैसला
दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) ने सार्वजनिक परिवहन के लिए बसों की बढ़ती मांग को देखते हुए नए शैक्षणिक सत्र से शहर के स्कूलों को बसें उपलब्ध कराने की सुविधा बंद करने का फैसला किया है। इसके मद्देनजर पुराने वाहनों को स्कूल कैब के रूप में पंजीकरण पर विचार किया जा रहा है।
मौजूदा समय में केवल नए वाहनों का स्कूल कैब के रूप में पंजीकरण
परिवहन विभाग के एक सूत्र ने कहा, "मौजूदा समय में केवल नए वाहनों को स्कूल कैब के रूप में पंजीकृत किया जा सकता है। हालांकि, परिवहन विभाग के साथ उचित पंजीकरण के बिना बड़ी संख्या में वाहनों का उपयोग इस उद्देश्य के लिए किया जा रहा है।"
9,000 से अधिक वाहन स्कूल कैब के रूप में पंजीकृत हैं
सूत्र ने कहा कि मौजूदा समय में स्कूलों और अभिभावकों द्वारा बड़ी संख्या में किराए पर ली गई वैन और कैब परिवहन विभाग की अनिवार्य आवश्यकताओं और मानकों को पूरा नहीं करते हैं। अधिकारियों ने कहा कि शहर में 9,000 से अधिक वाहन स्कूल कैब के रूप में पंजीकृत हैं, जबकि बड़ी संख्या में वाहनों का बिना किसी औपचारिक पंजीकरण के ही संचालन किया जाता है।
पहले पुराने वाहनों का स्कूल कैब के रूप में होता था पंजीकरण, 2015 में कर दिया गया बंद
2007 की स्कूल कैब नीति ने 15 वर्ष से कम पुराने निजी वाहनों को विभिन्न सुरक्षा उपायों के अनुपालन में स्कूल कैब के रूप में पंजीकृत करने की अनुमति दी गई। हालांकि, 2015 के बाद दिल्ली सरकार ने दिशा-निर्देशों में बदलाव किया और ऐसे वाहनों का स्कूल कैब के रूप में पंजीकरण रोक दिया।