असम: भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने पर केंद्र सरकार की ओर से जारी 'हर घर तिरंगा' कैंपेन के बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने अजीबोगरीब बयान दिया है। उन्होंने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) का जिक्र करते हुए कहा कि किसी व्यक्ति को अपनी नागरिकता साबित करने के लिए सिर्फ एनआरसी की लिस्ट में शामिल होना काफी नहीं है बल्कि वह तिरंगा भी फहराए।
हिमंत बिस्व सरमा ने कहा- '13 अगस्त से 15 अगस्त तक तिरंगा फहराना किसी को नहीं भूलना चाहिए। एक भारतीय नागरिक के रूप में NRC में शामिल करने के लिए आवेदन करना पर्याप्त नहीं है। राष्ट्रीय ध्वज फहराने से ही कोई यह साबित कर सकता है कि वे भारत माता की सच्ची संतान हैं।'
16 रूपए का राष्ट्रीय ध्वज खरीदें
हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि कोई भी अपने घर के पास वाली किसी भी दुकान से 16 रुपए का राष्ट्रीय ध्वज खरीद सकता है। उन्होंने कहा, 'हमें किसी का दिया राष्ट्रीय ध्वज नहीं लेना चाहिए हमें उसे खुद खरीदना चाहिए।' सीएम हिमंत सरमा ने असम के उदलगुरी जिले के लालपुल में 25 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना के उद्घाटन के दौरान ये बात कही।
उन्होंने मंगलवार को दिए अपने इस बयान को बुधवार को भी एक और सौर ऊर्जा परियोजना उद्घाटन कार्यक्रम में दोहराया। इसी कार्यक्रम में सरमा ने कहा कि भले ही एनआरसी में आपका नाम शामिल होने से आप कानूनी तौर पर भारतीय हो लेकिन राष्ट्रीय ध्वज फहराने से ये साबित हो जाएगा कि आपका मातृभूमि से कितना लगाव है।
आजादी के 75 साल पूरे होने पर देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। जानकारी के मुताबिक इस मौके पर असम सरकार ने पूरे राज्य में 80 लाख राष्ट्रीय ध्वज फहराने का लक्ष्य रखा है।
हिमंत बिस्वा के बयान पर विपक्ष का निशाना
असम में पहली एनआरसी लिस्ट 1951 में बनी थी जिसे बाद में अपडेट भी किया गया है। हालांकि उसके बाद जो लिस्ट अगस्त 2019 में सामने आई उसमें 10 लाख से भी ज्यादा लोगों के नाम लिस्ट में शामिल नहीं थी। इस लिस्ट में छूटे लोगों के आवेदन कि प्रक्रिया दोबारा शुरू होना बाकी है।
हालांकि विपक्षी पार्टी के नेता अमीनुल इस्लाम ने सीएम के इस बयान पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सरमा का एनआरसी को नाकाफी बताना सही नहीं है। अगर उन्हे लगता है कि एनआरसी काफी नहीं है तो कोर्ट जाऐं और कहें कि राष्ट्रीय ध्वज को फहराने से भारतीय नागरिता दे दी जाए। वहीं कांग्रेस की तरफ से राज्य में आई बाढ़ का जिक्र किया और कहा कि राज्य के हालात खराब हैं और सीएम के ऐसे बयान ये साबित करते हैं कि बाढ़ से प्रभावित लोगों के प्रति उनकी कोई संवेदनाऐं नहीं हैं ।