Lok Sabha Elections 2019: लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष अमित शाह के कोलकाता रोडशो में मंगलवार (14 मई) को हुई हिंसक झड़प का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। बीजेपी और टीएमसी दोनों पार्टियों की ओर से आरोप-प्रत्यारोप की झड़ी लगी हुई है। अमित शाह के निशाना साधने के बाद टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन ने बीजेपी नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा का नाम लेते हुए आरोप लगाया के बीजेपी जुलूस में अपने बाहरी गुंडों को लाई।
उन्होंने कहा कि तेजिंदर बग्गा वही आदमी है जिसने दिल्ली में किसी को चांटा मारा था। पीटीआई के मुताबिक ब्रायन ने कहा, ''हिंसा के दौरान ‘विद्यासागर खत्म, व्हेयर इज द जोश’ जैसे नारे लगने के ऑडियो हासिल करने और उसके प्रमाणीकरण की कोशिश कर रहे हैं।'' टीएमसी नेता ने कहा कि उनके पास दो चौंकाने वाली ऐसी तस्वीरें हैं जिनसे खुलासा होता है कि बंगाल में केंद्रीय बल किस प्रकार बीजेपी के साथ गुपचुप तरीके से मिलकर काम कर रही हैं।
ब्रायन के आरोप पर तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने पलटवार किया है। बग्गा ने कहा, ''कोई भी डेरेक ओ ब्रायन को गंभीरता से नहीं लेता है। मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि अगर वह यह साबित कर दें कि मैं हिंसा वाली जगह से 500 मीटर की दूरी पर था। अगर मैं गलत साबित हुआ तो राजनीति छोड़ दूंगा नहीं तो उन्हें राजनीति छोड़ देना चाहिए अगर आरोप साबित नहीं कर पाते हैं।''
बता दें कि उत्तरी कोलकाता में अमित शाह के रोड शो के दौरान हिंसक झड़प में अराजक तत्वों ने दार्शनिक और लेखक ईश्वरचंद विद्यासागर की मूर्ति को भी तोड़ दिया। टीएमसी आरोप है कि बीजेपी के लोगों ने मूर्ति तोड़ी। पंश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विरोधस्वरूप अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर ईश्वरचंद विद्यासागर की फोटो डीपी में लगाई।
वहीं, अमित शाह का कहना है कि अगर सीआरपीएफ के जवान नहीं होते तो उनका बच पाना मुश्किल था। हिंसा के लिए उन्होंने टीएमसी पर आरोप लगाया। शाह ने चुनाव आयोग से टीएमसी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। अमित शाह का कहना है कि पश्चिम बंगाल में हार की आशंका के चलते टीएमसी बौखलाहट नें हिंसा को अंजाम दे रही है। उनका कहना है कि बीजेपी देश भर में चुनाव लड़ रही है लेकिन बंगाल छोड़ कहीं भी हिंसा नहीं हो रही है, इसका मतलब है कि टीएमसी हिंसा का सहारा ले रही है।