सर्जिकल स्ट्राइक के तीन सालः भारतीय सेना के इस खास ऑपरेशन की पूरी कहानी, जानें कैसे हुई थी प्लानिंग

By आदित्य द्विवेदी | Published: September 29, 2019 05:11 AM2019-09-29T05:11:24+5:302019-09-29T05:11:24+5:30

18 सितम्बर 2016 को हुए उरी हमले में सीमा पार बैठे आतंकियों का हाथ बताया गया। भारत ने इस हमले का बदला लेने के लिए 29 सितंबर को पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया।

Three years of Surgical Strike: The whole story of this special operation of Indian Army, Learn how planning was done | सर्जिकल स्ट्राइक के तीन सालः भारतीय सेना के इस खास ऑपरेशन की पूरी कहानी, जानें कैसे हुई थी प्लानिंग

सर्जिकल स्ट्राइक के तीन सालः भारतीय सेना के इस खास ऑपरेशन की पूरी कहानी, जानें कैसे हुई थी प्लानिंग

Highlightsपीएम मोदी ने कहा, 'आज 28 सितंबर है, तीन साल पहले इसी तारीख को मैं पूरी रात एक पल भी सोया नहीं था। भारत ने उरी हमले का बदला लेने के लिए 29 सितंबर को पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया।

इतिहास में 29 सितंबर का दिन भारत द्वारा पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश कर उसके आतंकी शिविरों को नेस्तनाबूद करने के साहसिक कदम का गवाह रहा है। शनिवार को अमेरिका दौरे से नई दिल्ली पहुंचे पीएम मोदी ने सर्जिकल स्ट्राइक की रात को याद किया है। 

पीएम मोदी ने कहा, 'आज 28 सितंबर है, तीन साल पहले इसी तारीख को मैं पूरी रात एक पल भी सोया नहीं था। पूरी रात जागता रहा था। हर पल टेलिफोन की घंटी कब बजेगी, इसी के इंतजार में था। वो 28 सितंबर भारत के वीर जवानों के पराक्रम की एक स्वर्णिम गाथा लिखने वाला था।'

सर्जिकल स्ट्राइक का मतलब दुश्मन को उसके घर में जाकर मरना। इस तरह के हमले तब किए जाते हैं जब ईरादा बड़े पैमाने पर नुकसान ना पहुंचाने का होता है। इसके द्वारा सीमित दायरे में ही दुश्मन को मार गिराया जाता है। 

सर्जिकल स्ट्राइक से लिया उरी का बदला

जम्मू कश्मीर के उरी सेक्टर में एलओसी के पास भारतीय सेना के स्थानीय मुख्यालय पर आतंकी हमले में 18 जवान शहीद हो गए थे। इसे भारतीय सेना पर सबसे बड़े हमलों में से एक माना गया। 18 सितम्बर 2016 को हुए उरी हमले में सीमा पार बैठे आतंकियों का हाथ बताया गया। भारत ने इस हमले का बदला लेने के लिए 29 सितंबर को पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया।

आतंकियों के कई लॉन्च पैड तबाह

सेना ने अपनी कार्रवाई में आतंकियों के करीब सात लांच पैड को तबाह कर दिया। सेना के मुताबिक, सर्जिकल स्ट्राइक में 38 आतंकी और दो पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे। इस सर्जिकल स्ट्राइक के समय 125 जवानों में से केवल 35 कमांडो ही कैंप के अंदर गए थे। 

कैसे होती है सर्जिकल स्ट्राइक की तैयारी

सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम देने से पहले इसकी अच्छी तरह से हमले की प्लानिंग की जाती है। इसके लिए कमांडो दस्ता तैयार किया जाता है। इसके बाद इस मिशन को बहुत ही गोपनीय रखते हुए कमांडो को टार्गेट तक भेजा जाता है। इसके बाद दुश्मन के दायरे में जाकर उनपर पर चौतरफा हमला किया जाता है। इस दौरान दुश्मनों को संभलने का भी मौका नहीं मिलता। 

सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम देने के बाद भी कमांडो की तेजी में कोई कमी नहीं आती वह बिलकुल उसी तेज़ी से वापस अपने दायरे में लौट आते हैं। इस दौरान जो खास बात ध्यान रखने वाली होती है वह ये कि आसपास के लोगों इमारतों और अन्य किसी भी प्रकार के जाम माल को कोई नुकसान नहीं पहुंचे।

Web Title: Three years of Surgical Strike: The whole story of this special operation of Indian Army, Learn how planning was done

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