वड़ोदरा: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इन दिनों गुजरात में इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियों में व्यस्त हैं। इसी क्रम में आम आदमी पार्टी के संयोजक केजरीवाल लागातार गुजरात के दौरे कर रहे हैं। अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की है कि गुजरात में सरकार बनाने के 3 महीने बाद हम बिजली फ्री कर देंगे। साथ ही केजरीवाल ने कहा कि सरकार बनने के बाद युवाओं को रोजगार देने की और बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने की योजना है। उन्होंने कहा कि गुजरात में भी दिल्ली मॉडल की तर्ज पर गांवों में अस्पताल और स्कूल बनाएंगे।
अरविंद केजरीवाल की बिजली मुफ्त देने की घोषणा ऐसे समय आई है जब देश में चुनावों के दौरान मुफ्त में सुविधाएं बांटने के 'रेवड़ी कल्चर' पर जोरदार बहस चल रही है। यह एक ऐसा मामला है जिस पर सर्वोच्च न्यायालय भी गंभीर है। हाल ही में मुफ्त सुविधाओं के चुनावी वादों के मुद्दे पर शीर्ष अदालत में सुनवाई भी हुई थी। इस मुद्दे को गंभीर मानते हुए मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमण की पीठ ने कहा था कि सभी हितधारकों को इस पर विचार करना चाहिए और इस गंभीर मामले से निपटने के लिए सुझाव देना चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहा था कि केंद्र सरकार, वित्त आयोग, विधि आयोग, आरबीआई के साथ-साथ सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों को सुझाव देने के लिए आमंत्रित किया जाना चाहिए और एक विशेषज्ञ पैनल का गठन किया जाना चाहिए।
मुफ्त में सुविधाएं देने के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी खुल कर बोल चुके हैं और उन्होंने इसे 'रेवड़ी कल्चर' कहा था। प्रधानमंत्री ने कहा था कि देश से 'रेवड़ी कल्चर' खत्म होना चाहिए। इस मामले की सुनवाई की दौरान सर्वोच्च न्यायालय में केंद्र सरकार की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि मुफ्त वितरण अनिवार्य रूप से भविष्य की आर्थिक आपदा की ओर ले जाता है और मतदाता भी चुनाव के समय निष्पक्ष तरीके से चुनने के अपने अधिकार का प्रयोग नहीं कर सकते हैं।
अब अरविंद केजरीवाल के मुफ्त बिजली देने के वादे के बाद रेवड़ी कल्चर पर बहस फिर से तेज हो सकती है। केजरीवाल ने कहा है कि पंजाब में पिछले हफ्ते 25 लाख परिवारों के बिजली बिल जीरो आए हैं। 1 सितंबर तक 26 लाख और परिवारों के बिल जीरो आएंगे। दिल्ली में कई साल से बिल जीरो आ रहे हैं। गुजरात में भी अगर हमें मौका मिलेगा तो यहां भी बिजली के बिल जीरो आएंगे।