नयी दिल्ली, 19 दिसंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक विक्रेता से ऑनलाइन ठगी करने के आरोपी तीन व्यक्तियों को जमानत दे दी है। अदालत ने कहा कि ऑनलाइन धोखाधड़ी और ठगी भले ही बड़े पैमाने पर होने लगी है, लेकिन वह स्वतंत्रता को बनाए रखने के अपने कर्तव्य को निभाने में लापरवाही नहीं कर सकती है।
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने तीनों आरोपियों को दोबारा यह अपराध न करने की चेतावनी दी और आदेश दिया कि उनकी जमानत 25,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही दो जमानत राशियों पर आधारित होगी।
न्यायाधीश ने कहा कि चूंकि जांच पूरी हो चुकी है एवं आरोपपत्र दायर कर दिया गया है, इसलिए याचिकाकर्ताओं को और हिरासत में रखने से कोई उपयोगी उद्देश्य पूरा नहीं होगा।
अदालत ने अपने 13 दिसंबर के आदेश में कहा, “यह अदालत जानती है कि देश के अधिकांश हिस्सों में इस तरह की ऑनलाइन धोखाधड़ी और ठगी बड़े पैमाने पर हो रही है। हालांकि, यह अदालत अपने कर्तव्य का पालन करने में चूक नहीं कर सकती है, जो कि अन्य प्रासंगिक विचारों के अधीन स्वतंत्रता को बनाए रखना है।
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