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एमपी की 16वीं विधानसभा में गुम होंगे वो चेहरे, जिनकी विधानसभा में सुनाई देती थी दहाड़

By अनुराग.श्रीवास्तव@लोकमत.इन | Updated: December 8, 2023 11:06 IST

मध्य प्रदेश विधानसभा में कई ऐसे चेहरे थे जिनकी दहाड़, तीखी नोक झोक, बहस और भाषण सुनने के लिए विधानसभा का दर्शक दीर्घा और पत्रकार दीर्घा भरा होता था, लेकिन इस बार 16वीं विधानसभा में ऐसे कई चेहरे नजर नहीं आएंगे इसके पीछे वजह विधानसभा चुनाव में मिली हार है।

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ठळक मुद्देएमपी विधानसभा में जिनकी दहाड़ के हुआ करते थे चर्चा,अब नहीजिन नेताओं की तीखी नोंक झोंक से गर्म रहता था सदनविधानसभा के कई सदस्यों की हार से सदन की गर्माहट पर होगा असर

विधानसभा चुनाव 2023 में भले ही बीजेपी और कांग्रेस के कई दिग्गज जीतकर विधानसभा पहुंच गए हो। लेकिन ऐसे कई चेहरे भी हार गए हैं जिनकी चर्चा विधानसभा में अक्सर सुनाई दिया करती थी विधानसभा में होने वाली तीखी नोक झोक, विषयों पर होने वाली गरमा गरम बहस, भाषण, विरोध प्रदर्शन में जो नेता सदन में चर्चा बनते थे वह इस बार सदन की बैठक का हिस्सा नहीं होंगे।

 ऐसे कौन से चेहरे हैं जो इस बार विधानसभा में नहीं देखेंगे और जिनकी चर्चा विधानसभा के सत्रों के दौरान सुनाई देती थी उनमें सबसे पहला नाम संसदीय और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का है।

 नरोत्तम मिश्रा दतिया विधानसभा सीट से इस बार चुनाव हार गए है। नरोत्तम मिश्रा विधानसभा में अपने शायराना अंदाज से दिए जाने वाले भाषण विपक्ष के आरोपों पर सरकार का बचाव करने और विपक्षी नेताओं पर तीखे हमले करने के लिए पहचाने जाते रहे है। सदन में नरोत्तम मिश्रा की कमी इस बार जरूर नजर आएगी।

 दूसरा बड़ा नाम नेता प्रतिपक्ष रहे गोविंद सिंह का है। विपक्ष के नेता होने के नाते गोविंद सिंह सरकार को कटघरे में खड़ा करने के लिए अक्सर बहस में शामिल हो जाया करते थे। इस बार गोविंद सिंह लहार सीट से चुनाव हार गए।

 जीतू पटवारीकांग्रेस के विधायक रहे जीतू पटवारी विधानसभा में सरकार पर हमलावर नजर आते थे। सिर्फ विधानसभा के अंदर नहीं विधानसभा के बाहर भी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने के कारण जीतू पटवारी सुर्खियों में रहते थे। जीतू पटवारी राऊ विधानसभा सीट से चुनाव हार गए हैं

 यशपाल सिंह सिसोदिया विधानसभा में बीजेपी के विधायक रहे यशपाल सिंह सिसोदिया संसदीय ज्ञान के अच्छे जानकार माने जाते हैं। और अक्सर विधानसभा में विपक्ष के संसदीय व्यवस्थाओं और प्रक्रिया पर सवाल उठाने पर सिसोदिया सरकार के बचाव में रहते थे। यशपाल सिसोदिया मंदसौर से चुनाव हारे हैं ।

कुणाल चौधरी कांग्रेस के युवा विधायक रहे कुणाल चौधरी विधानसभा में युवा और किसानों के मुद्दे पर सरकार पर हमलावर नजर आते थे। कुणाल चौधरी इस बार काला पीपल से चुनाव हारे हैं।

 बसपा विधायक राम बाई पथरिया से विधायक रही रामबाई भले ही बहुजन समाज पार्टी की सदस्य थी लेकिन वह अपने क्षेत्र के मुद्दों को लेकर पक्ष और विपक्ष दोनों पर हमलावर नजर आती थी इस बार रामबाई चुनाव हार गई है।

 लक्ष्मण सिंह कांग्रेस के विधायक रहे लक्ष्मण सिंह भी सरकार पर सदन के अंदर हमलावर नजर आते थे इस बार लक्ष्मण सिंह चाचौड़ा विधानसभा सीट से चुनाव हार गए हैं। 

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