लाइव न्यूज़ :

दिल्ली हाईकोर्ट ने उमर खालिद से कहा, आलोचना के लिए एक लक्ष्मण रेखा होनी चाहिए

By भाषा | Updated: April 27, 2022 22:15 IST

जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद पर लगे यूएपीए केस के मामले में सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री की आलोचना में जुमला शब्द कहना गलत है और यह एक तरह से लक्ष्मण रेखा पार करने जैसी स्थिति है।

Open in App
ठळक मुद्देदिल्ली हाईकोर्ट ने उमर खालिद द्वारा पीएम मोदी के 'जुमला' शब्द के प्रयोग किया जाने पर आपत्ति जताईकोर्ट में उमर खालिद के वकील ने कहा कि वह बयान ‘व्यंग्यात्मक स्वभाव’ का था कोर्ट ने उमर खालिद के वकील से कहा कि आलोचना के लिए भी एक रेखा खींची जानी चाहिए

दिल्ली:दिल्ली हाईकोर्ट ने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र उमर खालिद द्वारा दिये गये भाषण में प्रधानमंत्री की आलोचना में ‘जुमला’ शब्द के इस्तेमाल पर नाराजगी जताते हुए बुधवार को कहा कि आलोचना के लिए कोई ‘लक्ष्मण रेखा’ होनी चाहिए।

खालिद का यह भाषण उनके खिलाफ फरवरी 2020 के दिल्ली दंगों के पीछे बड़ी साजिश से जुड़े मामले में आरोप का आधार बना था। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की पीठ विधिविरुद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम (यूएपीए) के तहत एक मामले में खालिद की जमानत की अर्जी पर सुनवाई कर रही थी।

पीठ ने खालिद के वकील से महाराष्ट्र के अमरावती में दिये गये भाषण में खालिद के कुछ बयानों पर स्पष्टीकरण देने को कहा और पूछा कि क्या प्रधानमंत्री के लिए ‘जुमला’ शब्द का उपयोग करना उचित है।

अदालत कक्ष में दलीलों के दौरान भाषण का वीडियो क्लिप चलाया गया जिसके बाद न्यायमूर्ति भटनागर ने पूछा, ‘‘ कोई ‘चंगा’ (ठीक) शब्द इस्तेमाल किया गया था। क्यों? ‘सब चंगे सी’ (सब ठीक है) और उसके बाद उसने क्या कहा?’’

खालिद की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता त्रिदीप पाइस ने कहा कि बयान ‘व्यंग्यात्मक स्वभाव’ का था और प्रधानमंत्री ने पहले एक भाषण में इस शब्द का इस्तेमाल किया था।

उन्होंने कहा, ‘‘उसके बाद वह कहते हैं कि यह गलत है, यह एक और जुमला है और ऐसा नहीं है कि प्रधानमंत्री जो कह रहे हैं वह सही है।’’

न्यायमूर्ति भटनागर ने कहा, ‘‘यह ‘जुमला’ भारत के प्रधानमंत्री के लिए कहा गया। क्या यह उचित है? आलोचना के लिए भी एक रेखा खींची जानी चाहिए। एक लक्ष्मण रेखा होनी चाहिए।’’

खालिद के वकील पाइस ने कहा, ‘‘सही है। (लेकिन) सरकार के खिलाफ बोलने वाले व्यक्ति को यूएपीए के तहत जेल में 583 दिन रखने का कोई उल्लेख नहीं मिलता। हम इतने असहिष्णु नहीं हो सकते।’’

उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति का बयान सभी को मंजूर नहीं हो सकता और उस पर नाराजगी सामने आ सकती है लेकिन यह देखना चाहिए कि क्या यह व्यक्ति द्वारा कथित रूप से किये गये किसी अपराध के समान है।

खालिद के वकील ने कहा, ‘‘क्या यह अपराध है? किसी भी तरह से यह अपराध नहीं लगता।’’ खालिद और अन्य लोगों पर फरवरी 2020 के दिल्ली दंगों का ‘मास्टर माइंड’ होने के मामले में यूएपीए के तहत मामले दर्ज किये गये थे। दंगों में 53 लोग मारे गये थे और 700 से ज्यादा लोग घायल हो गये।

टॅग्स :उमर खालिददिल्ली हाईकोर्टUAPAनरेंद्र मोदी
Open in App

संबंधित खबरें

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

भारतModi-Putin Talks: यूक्रेन के संकट पर बोले पीएम मोदी, बोले- भारत न्यूट्रल नहीं है...

भारतPutin India Visit: एयरपोर्ट पर पीएम मोदी ने गले लगाकर किया रूसी राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत, एक ही कार में हुए रवाना, देखें तस्वीरें

भारतPutin India Visit: पुतिन ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी, देखें वीडियो

भारतपीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को भेंट की भगवत गीता, रशियन भाषा में किया गया है अनुवाद

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई