भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक भानू प्रताप शाही ने राज्य में वर्तमान सरकार द्वारा बनायी गई नियोजन एवं भाषा नीति पर सवाल उठाते हुए दावा किया है कि इसके क्रियान्वयन से राज्य में गृहयुद्ध की आशंका बन रही है। भाजपा के भवनाथपुर से विधायक भानू प्रताप शाही ने बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को संबोधित पत्र में लिखा है कि उन्होंने 1932 के खतियान की उपेक्षा करके आंदोलन की पृष्ठभूमि तैयार कर दी है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि राज्य के भूमि पुत्रों को नजरअंदाज करते हुए सिर्फ झारखंड से प्रवेशिका उत्तीर्ण युवकों को नियोजन में समाहित किए जाने से समस्या का समाधान नहीं हो सकता। शाही ने दो पृष्ठों के विस्तृत पत्र में कहा है कि पलामू, गढवा, लातेहार और चतरा जिले में मगही और भोजपुरी को आम लोग सहज तरीके से उपयोग करते हैं और सरकार ने इन दोनों भाषाओं एवं बोलियों को नजरअंदाज करके अप्रत्यक्ष तौर पर गृह युद्ध को निमंत्रण दिया है। शाही ने नियोजन एवं भाषा नीति में परिवर्तन करने की गुहार लगाते हुए मांग की है कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन खुद के निर्णय पर विचार करें और स्थानीयता एवं भाषा संबंधी दोषों को दूर करें अन्यथा इसके काफी भयंकर परिणाम हो सकते हैं।
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