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जीएसटी पर जंग जारीः गडकरी ने कहा- गेंद वित्त मंत्रालय के पाले में, जल्द होंगे कुछ फैसले

By भाषा | Updated: September 11, 2019 18:24 IST

इस नीति में दोपहिया वाहन भी शामिल हैं। इस पर काम चल रहा है और नीति को जल्द जारी किया जाएगा। पिछले सप्ताह वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम के वार्षिक सम्मेलन में गडकरी ने वाहन उद्योग को भरोसा दिलाया था कि वह वाहनों पर जीएसटी दर को 28 से घटाकर 18 प्रतिशत करने के मुद्दे को आगे उठाएंगे।

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ठळक मुद्देगडकरी ने कहा कि जीएसटी में कटौती का फैसला वित्त मंत्रालय के साथ साथ राज्य सरकारों और जीएसटी परिषद को करना है।उन्होंने कहा कि वह इस बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से पहले ही बात कर चुके हैं।

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि वाहनों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) कटौती की मांग के मामले में गेंद वित्त मंत्रालय के पाले में है।

गडकरी ने कहा कि जीएसटी में कटौती का फैसला वित्त मंत्रालय के साथ साथ राज्य सरकारों और जीएसटी परिषद को करना है। उन्होंने कहा कि वह इस बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से पहले ही बात कर चुके हैं। गडकरी ने बुधवार को यहां कहा कि वाहनों के लिये कबाड़ करने नीति पर काम चल रहा है।

इस नीति में दोपहिया वाहन भी शामिल हैं। इस पर काम चल रहा है और नीति को जल्द जारी किया जाएगा। पिछले सप्ताह वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम के वार्षिक सम्मेलन में गडकरी ने वाहन उद्योग को भरोसा दिलाया था कि वह वाहनों पर जीएसटी दर को 28 से घटाकर 18 प्रतिशत करने के मुद्दे को आगे उठाएंगे।

उन्होंने यहां होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया के बीएस- छह मानक वाला स्कूटर पेश किए जाने के मौके पर अलग से बातचीत में कहा, ‘‘मैं इस बारे में वित्त मंत्री से पहले ही बात कर चुका हूं। लेकिन वित्त मंत्री यदि कोई फैसला करतीं हैं तो उन्हें इसके लिए राज्यों के वित्त मंत्रियों और जीएसटी परिषद के साथ विचार विमर्श करना होगा।’’

उन्होंने कहा कि फिलहाल गेंद वित्त मंत्रालय के पाले में है। गडकरी ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि वित्त मंत्रालय राज्य सरकारों के साथ विचार विमर्श के बाद इस पर कोई सकारात्मक फैसला करेगा। वाहनों को कबाड़ करने की नीति पर गडकरी ने बताया कि इसका मसौदा पहले ही तैयार कर लिया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘विभिन्न अंशधारकों को लेकर अब भी समस्याएं हैं। हमें वित्त मंत्रालय के साथ ही विनिर्माताओं के सहयोग की भी जरूरत होगी।’’ उन्होंने बताया कि इनमें से कुछ मुद्दे कर और कुछ राज्य सरकारों से संबंधित हैं। यह पूछे जाने पर कि यह नीति कब तक वास्तविकता बन सकती है?

गडकरी ने कहा, ‘‘हम प्रक्रिया के साथ तैयार हैं। मेरा मंत्रालय इसे जल्द से जल्द मंजूरी देने के प्रयास में है। मुझे उम्मीद है कि थोड़े समय में ही हम किसी निष्कर्ष पर पहुंच जाएंगे और नीति पेश कर सकेंगे।’’ उन्होंने कहा कि इस कबाड़ नीति में दुपहिया वाहनों को भी शामिल किया गया है।

इस मामले में यदि दुपहिया उद्योग कोई सुझाव देना चाहता है तो हम खुले दिमाग से उन्हें सुनने को तैयार हैं। वाहन उद्योग में मंदी के मौजूदा दौर को स्वीकार करते हुये मंत्री ने कहा कि इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। इसमें मांग और आपूर्ति का मुद्दा हो सकता है, वैश्विक आर्थिक सुस्ती और इसके पीछे व्यावसायिक चक्रीय कारण भी हो सकते हैं।

गडकरी ने कहा कि देश की सकल आर्थिक वृद्धि और रोजगार सृजन के लिये आटोमोबाइल उद्योग की वृद्धि जरूरी है। यातायात नियमों के उल्लंघन पर कड़े जुर्माने के प्रावधान वाले नये मोटर वाहन कानून में बदलाव करने के भाजपा शासित गुजरात सरकार के फैसले के बारे में पूछे जाने पर गडकरी ने कहा कि ये नियम समवर्ती सूची में हैं इसलिये इसमें राज्य अपना निर्णय करने के लिये स्वतंत्र हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि जुर्माना बढ़ाने के पीछे राजस्व जुटाना उद्देश्य नहीं है बल्कि इसका मकसद दुर्घटनाओं को रोकना और जीवन को बचाना है। 

टॅग्स :जीएसटीनितिन गडकरीनिर्मला सीतारमणमोदी सरकार
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