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राज्य का दर्जा पाने ‘दिल्ली चलो’ की हुंकार, लद्दाख की लड़ाई अब दिल्ली से लड़ेंगे केडीए और एलएबी

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: February 8, 2023 13:00 IST

15 जनवरी को, केडीए और एलएबी के प्रमुख नेताओं ने अपनी चार मांगों को लेकर दबाव बनाने के अभियान के तहत जम्मू में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया था। अब 15 फरवरी की दोपहर को दोनो संगठन दिल्ली में एक मजबूत विरोध प्रदर्शन करेंगे।

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ठळक मुद्दे15 फरवरी को जंतर-मंतर पर जोरदार विरोध प्रदर्शन करेंगे लद्दाख में संघर्षरत समूहराज्य का दर्जा और विशेषाधिकार देने की है मांगलद्दाख का अपना लोक सेवा आयोग भी चाहते हैं केडीए और एलएबी

जम्मू: राज्य का दर्जा और विशेषाधिकार पाने की खातिर लद्दाखियों ने अब दिल्ली से अपनी लड़ाई लड़ने की ठानी है। तीस सालों के आंदोलन के बाद लद्दाखियों ने जो यूटी का दर्जा पाया था वह उन्हें रास नहीं आया।  लद्दाखियों ने अब ‘दिल्ली चलो’ की हुंकार भरते हुए केंद्र सरकार के समक्ष अपनी एकता और ताकत का प्रदर्शन करने की ठानी है।

हालांकि केंद्रीय गृह मंत्रालय लद्दाख में संघर्षरत समूहों के साथ बातचीत फिर से शुरू करने के लिए सभी विकल्पों की खोज कर रहा है। दो फ्रंटलाइन संगठनों, करगिल डेमोक्रेटिक एलायंस (केडीए) और लेह एपेक्स बाडी (एलएबी) के नेताओं ने ‘दिल्ली चलो’ का आह्वान किया है और फैसला किया है कि 15 फरवरी को दिल्ली के जंतर-मंतर पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

केडीए और एलएबी लद्दाख के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा, लद्दाख के आदिवासी लोगों के हितों की रक्षा के लिए छठी अनुसूची के कार्यान्वयन, कारगिल और लेह के लिए अलग लोकसभा सीटों और स्थापना सहित अपनी चार प्रमुख मांगों के समर्थन में आंदोलन चला रहे हैं। यही नहीं वे चाहते हैं कि लद्दाख में सभी राजपत्रित पदों के लिए अनिवार्य आवश्यकता के रूप में लद्दाख निवासी प्रमाण पत्र की उनकी मांग को पूरा किया जाए तथा लद्दाख का अपना लोक सेवा आयोग भी होना चाहिए।

पूर्व मंत्री और केडीए के वरिष्ठ नेता कमर अली अखून ने कहा, "हमने उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) के एकतरफा गठन पर अपनी असहमति व्यक्त करते हुए केंद्र को लिखा है, लेकिन हमें संचार का कोई जवाब नहीं मिला है। हमने दिल्ली के जंतर-मंतर पर अपने विरोध प्रदर्शन को आगे बढ़ाने का फैसला किया है। यह निर्णय लिया गया है कि केडीए और एलएबी के प्रतिनिधि, छात्र, सामाजिक और राजनीतिक समूहों द्वारा समर्थित, 15 फरवरी की दोपहर को दिल्ली में एक मजबूत विरोध प्रदर्शन करेंगे।"

अखून ने कहा कि लद्दाखी लोगों की मांग जायज है और केंद्र को जल्द से जल्द उन पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। याद रहे 15 जनवरी को, केडीए और एलएबी के प्रमुख नेताओं ने अपनी चार मांगों को लेकर दबाव बनाने के अभियान के तहत यहां जम्मू में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया था। उन्होंने गृह मंत्रालय द्वारा गठित एचपीसी से दूर रहने का फैसला किया क्योंकि सरकार ने उनके चार सूत्री एजेंडे को नजरअंदाज किया और पैनल की संरचना के बारे में उनके सुझाव पर भी ध्यान नहीं दिया।

टॅग्स :लद्दाखKargilजम्मू कश्मीरदिल्लीअमित शाहAmit Shah
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