नयी दिल्ली, 10 दिसंबर सरकार ने भारतीय पुनर्वास परिषद अधिनियम 1992 में संशोधन की पेशकश करते हुए कहा है कि पुनर्वास और शिक्षा के क्षेत्र में हुए बदलाव के मद्देनजर ऐसा करने की जरूरत पैदा हुई है।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने एक सार्वजनिक नोटिस में प्रस्ताव रखा है कि कानून में संशोधन से भारतीय पुनर्वास परिषद (आरसीआई) को देश भर में कुशल पेशेवरों और कर्मियों को मांग पूरी करने के लिए पहुंच योग्य, गुणवत्तापूर्ण और किफायती शिक्षा तक पहुंच बढ़ाने में मदद मिलेगी और इस तरह की शिक्षा प्रदान करने वालों का नियमन होगा।
नोटिस में कहा गया है कि दिव्यांग व्यक्ति अधिकार कानून 2016 के प्रावधानों के हिसाब से आरसीआई पेशेवरों को अपने क्षेत्र में नवीन अनुसंधान पर अमल करने और अनुसंधान में योगदान के लिए प्रेरित करेगी तथा पेशेवरों एवं कर्मियों द्वारा उच्च नैतिक मानदंड लागू किए जाएंगे।
नोटिस में कहा गया, ‘‘पुनर्वास और शिक्षा के क्षेत्र में 1992 के बाद से हुए बदलाव के मद्देनजर उक्त कानून में संशोधन किए जाने की जरूरत है।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘आगे राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होने के कारण मौजूदा कार्यक्रम, पाठयक्रमों, विषयवस्तु, मूल्यांकन प्रक्रिया आदि में कई तरह के बदलाव करने की जरूरत होगी। ’’
इन विषयों पर विचार करते हुए दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग ने आरसीआई अधिनियम, 1992 में संशोधन का मसौदा तैयार किया है। विभाग ने सभी हितधारकों से 23 दिसंबर तक इस पर जवाब मांगे हैं।
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