जैव प्रौद्योगिकी केंद्र के परिसर में उपचार, अनुसंधान से जुड़ी अत्याधुनिक सुविधाएं होगी : हर्षवर्धन
By भाषा | Published: March 5, 2021 08:48 PM2021-03-05T20:48:47+5:302021-03-05T20:48:47+5:30
तिरुवनंतपुरम, पांच मार्च केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शुक्रवार को कहा कि राजीव गांधी जैव प्रौद्योगिकी केंद्र (आरजीसीबी) के दूसरे परिसर को विभिन्न सुविधाओं के साथ महत्वपूर्ण केंद्र के तौर पर विकसित किया जाएगा। इसमें कैंसर के उपचार के लिए इम्यूनोथेरेपी और चिकित्सीय एंटीबॉडी के अनुसंधान से जुड़ी सुविधाएं भी होंगी।
वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए आरजीसीबी की 13 वीं आम सभा को संबोधित करते हुए हर्षवर्धन ने कहा कि केरल में विभिन्न कैंसर अस्पतालों के साथ इस केंद्र के तालमेल से किफायती कीमत पर कैंसर के खिलाफ अत्याधुनिक कोशिका आधारित उपचार पद्धति को बढ़ावा मिलने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि देश ने वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में अनुसंधान से दुनिया को अपनी क्षमता दिखायी है।
एक बयान में मंत्री के हवाले से कहा गया, ‘‘हमारे संस्थानों ने आत्मनिर्भरता की भावना से प्रेरित होकर कोविड-19 के कारण अप्रत्याशित चुनौतियों से निपटने में बेहतरीन योगदान दिया है।’’
आम सभा के सामने रखी गयी 2019-20 की कार्य रिपोर्ट में कहा गया कि दूसरे परिसर का नाम ‘श्री गुरुजी माधव सदाशिव गोलवलकर नेशनल सेंटर फॉर कॉम्पलेक्स डिजीज इन कैंसर एंड वायरल इनफेक्शन’ रखने के लिए एक कार्यक्रम आयोजित होगा।
पहले चरण का काम पूरा होने के बाद कार्यक्रम का आयोजन होगा।
विज्ञप्ति में कहा गया कि इस केंद्र के बनने से केरल में विषाणु जनित और जीवाणु जनित रोगों से निपटने में बड़ी सहायता मिलेगी क्योंकि वर्तमान में राज्य में बीएसएल-3 प्लस (जैव सुरक्षा स्तर) का केंद्र नहीं है। नए केंद्र में नयी पीढी के प्रोटोन और न्यूक्लिक एसिड आधारित टीकों के विकास पर भी काम होगा।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।