पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर कांग्रेस और राजद के बीच जारी घमासान के बाद आखिरकार गुरुवार को तेजस्वी यादव को महागठबंधन का मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर दिया गया। कांग्रेस ने भारी मन से तेजस्वी को मुख्यमंत्री का चेहरा मान लिया। दिल्ली से पटना पहुंचे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान किया कि तेजस्वी यादव ही महागठबंधन के मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे। इसपर पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने तगड़ा प्रहार करते हुए स्पष्ट किया कि बिहार में मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई “वेकेंसी” नहीं है और नीतीश कुमार ही हमारे नेता हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार हमारे नेता हैं। उन्होंने बिहार में विकास के नए आयाम स्थापित किए हैं।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हमारी पूरी टीम उनके नेतृत्व में चुनावी लड़ाई में जुटी हुई है। बिहार के लोग जानते हैं कि नीतीश कुमार ने विकास और सामाजिक सुधार के लिए लगातार काम किया है। नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने बिहार में विकास के कई महत्वपूर्ण काम किए हैं। चाहे वह सड़क, बिजली, स्वास्थ्य या महिला सशक्तिकरण की योजनाएं हों, सबके लिए ठोस कदम उठाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव यह दावा कर रहे हैं कि उनकी सरकार बनी तो भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस होगा, लेकिन सच्चाई यह है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचार के कारण ही राजद से नाता तोड़ा था। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राज्य की जनता भली-भांति जानती है कि लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले के चार मामलों में 32 साल की सजा पा चुके हैं।
ऐसे में तेजस्वी जी की नैतिकता की बातें सिर्फ दिखावा हैं। वहीं तेजस्वी यादव पर 27 अक्टूबर से ट्रायल चलेगा। लालू यादव ने रेल मंत्री रहते रेलवे के 2 होटल को पटना के प्राइवेट होटल को दिया गया और बेली रोड के बगल में 3.5 एकड़ जमीन दी गई। न्यायालय ने माना कि गंभीर भ्रष्टाचार का आरोप है और अब इस पर ट्रायल चलेगा। यह मामला भाजपा के समय का नहीं है।
यह सब न्यायालय और सीबीआई में मामला चल रहा है। रविशंकर प्रसाद ने महागठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि तेजस्वी ने चुनाव से पहले मंत्रिमंडल बना लिया है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव की बात करें तो दिल्ली हाईकोर्ट की तरफ से दो आदेश जारी किए गए हैं। न्यायालय ने सभी मामलों की जांच की और घोषित किया कि यह भ्रष्टाचार और 420 का एक गंभीर मामला है।
उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव, आप आईपीसी की धारा 420 के तहत आरोपी हैं। सजा सात साल है। आपके इस दावे पर ध्यान देने की जरूरत है कि आप भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करेंगे। बिहार के लोग सावधान रहें। बिहार के ये 2.60 करोड़ परिवार, जिन्हें वे स्थायी नौकरी देने की बात कर रहे हैं, उनकी (राजद) पृष्ठभूमि ऐसी है कि यह आपका पूरा जीवन दुखी कर देगी।
उनका कोई भी काम भ्रष्टाचार के बिना नहीं होता है, और मैं इस सब का सबूत दे रहा हूं। वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने महागठबंधन पर व्यंग्य करते हुए कहा कि महागठबंधन ने महाभूल कर दी है। उनका एमवाय समीकरण (मुस्लिम-यादव) अब ‘मुकेश सहनी-तेजस्वी यादव’ बन गया है। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से महागठबंधन का वोट बैंक नाराज है।
क्योंकि वहां हर दल अपने हिस्से को लेकर असंतुष्ट है। शाहनवाज हुसैन ने दावा किया कि महागठबंधन में दरार साफ दिख रही है, कांग्रेस ने लालू-तेजस्वी के सामने घुटने टेक दिए हैं। बीजेपी नेताओं के इन बयानों से साफ है कि तेजस्वी यादव के सीएम फेस बनने के ऐलान के बाद बिहार की सियासत और ज्यादा गरमाने वाली है, जहां दोनों गठबंधन अब सीधा आमने-सामने हैं।
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने लालू प्रसाद यादव पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि बिहार की जनता अच्छी तरह जानती है कि लालू जी अपने परिवार के अलावा किसी और को सत्ता नहीं दे सकते। सम्राट चौधरी ने आरोप लगाया कि लालू यादव ने गुंडागर्दी के बल पर अपने बेटे को मुख्यमंत्री का चेहरा बनवाया, जो बिहार में अराजकता का प्रतीक है।
उन्होंने कहा कि जनता अब ऐसे पारिवारिक राजनीति वाले शासन को स्वीकार नहीं करेगी और विकास के रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए एनडीए के साथ खड़ी है। वहीं, राजद नेता तेजस्वी यादव के इस बयान पर कि चुनाव के बाद नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाएगा, जदयू के वरिष्ठ नेता के.सी. त्यागी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नीतीश कुमार एकनाथ शिंदे नहीं हैं।
और चाहे सीटें कम आए या ज्यादा, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही होंगे। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव का मुख्यमंत्री का चेहरा बनना एनडीए की जीत को और आसान कर देगा, क्योंकि जनता बिहार में स्थिर और अनुभवी नेतृत्व चाहती है। उन्होंने विश्वास जताया कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए चुनाव में शानदार प्रदर्शन करेगा।
महागठबंधन में मुख्यमंत्री के चेहरे के लिए तेजस्वी के नाम के ऐलान में हुई देरी को लेकर अब जदयू ने तंज किया है। जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने एक्स पर लिखा है कि “बड़ी देर भाई नंदलाला! पहला चरण खत्म, रूठे बबुआ को लॉलीपॉप थमा दिया गया जिनके नेतृत्व में 2019 और 2024 में दमदार पराजय हुई, उन्हें ही नेता बना दिया गया!
14 नवम्बर को एनडीए बहुमत से जीतेगा, नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में बनेगी सरकार, और बबुआ को भेजेंगे जैविक लॉलीपॉप/ऑर्गेनिक चॉकलेट”। नीरज ने कहा कि तेजस्वी यादव का नाम मुख्यमंत्री के तौर पर घोषित होने के बाद महागठबंधन की दुर्गति तय हो गई है। केंद्रीय मंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह ने महागठबंधन पर हमला बोलते हुए कहा कि यह वोट कटवा और टिकट बेचवा पार्टियों का गिरोह है। पीएम मोदी जी के प्रचार अभियान के आगे ये सब हवा हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि राजद के कार्यकर्ताओं ने टिकट बेचने का आरोप लगाया है।
कांग्रेस ही नहीं बल्कि वीआईपी पार्टी पर भी यह आरोप है। यानी महागठबंधन पार्टी ही टिकट बेचवा है। गिरिराज सिंह ने कहा कि शुक्रवार को प्रधानमंत्री जब बेगूसराय से शंखनाद करेंगे तो यह टिकट बेचवा पार्टी अपने आप धराशायी हो जाएगा। हम बिहार में 210 से अधिक सीटों पर जीत हासिल करेंगे।
आज महागठबंधन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस तो किया है, लेकिन पीएम मोदी और नीतीश कुमार से उसे डर है। गिरिराज सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि अब सुन रहे हैं कि बड़े चिरौड़ी किए लालू यादव, बहुत खुशामद किए कि देखो मेरा अंतिम समय है, अब कम से कम मेरे बेटे का नाम तो घोषित कर दो। इसके बाद नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी के डर से नाम घोषित किया है।
उन्होंने आगे कहा कि ठगबंधन ने एक दूसरे को ठगने का काम किया। महागठबंधन ने दशरथ मांझी के बेटे को ही नहीं, गरीबों को छलने का काम किया है। तेजस्वी यादव अब नीतीश कुमार से भयभीत है और लालू जी भी टेंशन में हैं। वहीं, चुनाव प्रचार के लिए निकलने से पहले मीडिया से बात करते हुए लोजपा(रा) प्रमुख एवं केन्द्रीय मंत्री चिराग पासवान ने महागठबंधन पर तंज कसते हुए कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(एनडीए) में हम लोग पहले दिन से चुनाव प्रचार कर रहे हैं, जबकि महागठबंधन के नेता अभी तक सीट बंटवारे पर ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं। ट
उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि आज की प्रेस वार्ता में सिर्फ एक ही व्यक्ति का चेहरा पूरी तरह दिखाई दिया। यह कतई गठबंधन धर्म का मर्यादा का पालन करना नहीं हुआ, यह कतई गठबंधन धर्म निभाना नहीं हुआ। महागठबंधन के पोस्टर और मंच से कांग्रेस नेताओं की तस्वीरें गायब होने के मुद्दे को उठाते हुए चिराग पासवान ने कांग्रेस को क्षेत्रीय पार्टी बताते हुए कहा कि कांग्रेस के अंदर स्वाभिमान नहीं बचा है।
वह अपमानित होकर भी राजद के साथ बनी हुई है। चिराग पासवान ने सवाल किया कि एक क्षेत्रीय दल का नेता अपनी अकेली बड़ी तस्वीर लगाए और राष्ट्रीय पार्टी के नेताओं की तस्वीर गायब हो जाए, मुझे नहीं पता कि कांग्रेस इसे कैसे लेती है?
चिराग पासवान ने कहा कि राजद ने गठबंधन में किया तो किया, लेकिन अपनी ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष तक की तस्वीर वहां लगाना जरूरी नहीं समझा। यह जरूर प्रश्न खड़े करता है कि तेजस्वी यादव में अहंकार है और वह गठबंधन धर्म का पालन नहीं कर रहे हैं।