पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव में मतदान समाप्त होने के बाद एग्जिट पोल के सामने आने के बाद बयानबाजी का दौर तेज हो गया है। जनशक्ति जनता दल के प्रमुख और महुआ सीट से उम्मीदवार तेज प्रताप यादव ने कहा कि मैं एग्जिट पोल पर विश्वास नहीं करता। हम नहीं कह सकते कि 14 नवंबर को क्या होगा? देखते हैं क्या होता है? उन्होंने कहा कि मैं महुआ सीट जीत रहा हूं।
हम जश्न की तैयारी नहीं, हम काम की तैयारी करते हैं। वहीं, तेजस्वी यादव के द्वारा एग्जिट पोल को नकारे जाने वाले बयान पर भाजपा प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि अंग्रेजी में एक शब्द है ‘डिल्यूज़्न’ जब ये हो जाती है तो व्यक्ति को 99 सीटों पर जीत दर्ज करने का भ्रम हो जाता है, खुद को मुख्यमंत्री बना लेता है और सरकार भी बना लेता है।
18 तारीख को उन्हें(तेजस्वी यादव) शपथ लेनी चाहिए और वे यह शपथ लें कि उन्होंने जीवन में आज तक जितनी चोरी की है, जितनी गलतियां की हैं या जितने पैसे कमाए हैं वो सब लौटा देंगे और दोबारा ऐसी गलती नहीं करेंगे। इस बात की शपथ लें तो ज्यादा बेहतर रहेगा। वहीं, ’राजद विधायक आलोक मेहता ने कहा कि एग्जिट पोल चुनाव आयोग के नतीजे तो है नहीं, यह एक अनुमान है।
अनुमान को केवल अनुमान को देखा जाना चाहिए। सर्वे ग्रुप्स में जिस मानसिकता के लोग हैं, वे उसी तरह से सर्वे दिखाते हैं। लेकिन जमीनी स्तर पर जो समर्थन हमारे पास है, वो बताता है कि इंडिया गठबंधन की बढ़त बनेगी। 14 तारीख को यह साफ हो जाएगा। वहीं, भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि यह चुनाव नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी, नीतीश कुमार और लालू यादव के बीच का चुनाव था। बिहार में विकास और जातीय समीकरण एनडीए के पक्ष में था। एग्जिट पोल बता रहे हैं बिहार में एनडीए की जीत होगी।
राजीव प्रताप रूडी ने विपक्ष और प्रशांत किशोर पर तंज करते हुए कहा कि विपक्ष ने गलत वोट चोरी का मुद्दा उठाया। प्रशांत किशोर ने विपक्ष का स्पेश लेने की कोशिश की। अब तेजस्वी यादव के पास 48 घंटे है उसके बाद वे कही नहीं रहेंगे। वहीं, एग्जिट पोल में जनसुराज को सिंगल डिजिट में सीटें मिलने के अनुमान पर पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा कि मेरे चुनाव न लड़ने का फैसला सही या गलत, ये 14 नवंबर को बिहार करेगा तय। जनसुराज जीता तो अच्छा, हारा तो लोग कहेंगे मुझे गलत। बिहार में व्यवस्था परिवर्तन तय है।
महिला नहीं बल्कि युवा और प्रवासी एक्स फैक्टर साबित होंगे। उन्होंने कहा कि बिहार के वोटरों ने वोट देकर वैधानिक जिम्मेदारी निभाई है। जनसुराज कहां होगा, लेकिन बिहार में नया इतिहास लिखा जाएगा। बिहार में बदलाव और नई व्यवस्था दिखेगी। सरकार बनाने हम नहीं, बल्कि व्यवस्था परिवर्तन के लिए आए हैं। उन्होंने कहा कि 14 नवंबर को पूरा देश बिहार में बदलाव देखेगा।
बिहार में बढ़ा हुआ मतदान बदलाव का वोट है। बढ़ा हुआ मतदान सत्ता के पक्ष में हो नहीं सकता, बदलाव के लिए वोट है। बदलाव के दो विकल्प हैं। या तो लालू यादव को वापस लाइए या फिर जनसुराज को वोट दीजिए, जनता को बदलाव करना है तय है, 14 को दिखेगा। बदलाव तो तय है जनता तय करेगी। अगर जनसुराज जीतेगा तो मेरी सारी बात लोगों को अच्छी लगेगी।
अगर नहीं जीता तो लोगों कहेंगे हमसे गलती हुई। उधर, उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार की जनता ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की डबल इंजन सरकार पर भरोसा जताया है। उन्होंने कहा कि मैं बिहार के सभी लोगों को हृदय से धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने हमें एक बार फिर विकास की गाड़ी को तेज रफ्तार से आगे बढ़ाने का अवसर दिया है।
बिहार की जनता ने राजद और कांग्रेस दोनों को सबक सिखाया है, जो केवल वादों की राजनीति में व्यस्त थे। अब बिहार की जनता ने तय कर दिया है कि झूठी घोषणाओं की राजनीति नहीं चलेगी, बल्कि काम करने वालों को ही मौका मिलेगा।