चेन्नई: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मंगलवार को कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों के विकास के लिए चांसलर पद की जिम्मेदारी राज्य का मुख्यमंत्री भी निभा सकता है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार तमिलनाडु के डॉक्टर जे जयललिता म्यूजिक एंड फाइन आर्ट्स यूनिवर्सिटी' के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री स्टालिन ने परोक्ष रूप से गवर्नर आरएन रवि पर हमला करते हुए कहा, "अगर राज्य के विश्वविद्यालयों का चांसलर का पद दूसरे हाथों में होता, तो उससे विश्वविद्यालयों का लक्ष्य नष्ट हो सकता है।"
इसके साथ सीएम स्टालिन ने राज्य की मुख्यमंत्री को तमिलनाडु डॉक्टर जे जयललिता संगीत और ललित कला विश्वविद्यालय का चांसलर बनाने के दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता के फैसले की जमकर सराहना की।
उन्होंने कहा, "हमें गर्व हो सकता है, क्योंकि भारत में एकमात्र यही विश्वविद्यालय है, जो विशेष रूप से संगीत के लिए बनाया गया था। यह विश्वविद्यालय पूरी तरह से राज्य निधि द्वारा वित्त पोषित है। इससे भी विशेष बात यह है कि इस विश्वविद्यालय का चांसलर बनने का अधिकार सत्तारूढ़ मुख्यमंत्री को है।"
सीएम स्टालिन ने कहा, "मैं राजनीति की बात नहीं कर रहा हूं, मैं तो सिर्फ हकीकत बता रहा हूं। इसी तरह अगर मुख्यमंत्री राज्य संचालित अन्य सभी विश्वविद्यालयों के चांसलर होते तो विश्वविद्यालयों का विकास और अच्छे से होता।"
उन्होंने कहा, "अगर चांसलर का पद दूसरे हाथों में होते तो विश्वविद्यालयों का लक्ष्य ही नष्ट हो जाता। इसी बात को समझते हुए 2013 में दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता ने फैसला किया कि इस यूनिवर्सिटी के चांसलर राज्य की सीएम ही होंगी। इसके लिए हम उनकी तहे दिल से सराहना करते हैं।"
मालूम हो कि इस महीने की शुरुआत में तमिलनाडु सरकार ने राज्यपाल आरएन रवि के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है और उन पर भर्थहरी विश्वविद्यालय, तमिलनाडु शिक्षक शिक्षा विश्वविद्यालय और मद्रास विश्वविद्यालय में कुलपतियों की नियुक्ति के लिए खोज समितियों के पुनर्गठन के मामले में कानूनों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।
तमिलनाडु सरकार ने कहा कि भर्थहरी विश्वविद्यालय, तमिलनाडु शिक्षक शिक्षा विश्वविद्यालय और मद्रास विश्वविद्यालय में कुलपतियों की नियुक्ति के लिए खोज समितियों के पुनर्गठन में राज्यपाल की कार्रवाई राज्य के लागू प्रावधानों के विपरीत है।