लाइव न्यूज़ :

संस्कृत भारतवर्ष की अस्मिता का प्रतीक: सिंह

By भाषा | Updated: August 28, 2021 14:11 IST

Open in App

भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी व राजस्थान राजस्व मंडल के अध्यक्ष राजेश्वर सिंह ने संस्कृत को भारतवर्ष की अस्मिता का प्रतीक बताया। वह संस्कृत सप्ताह के तहत राजस्थान संस्कृत अकादमी, संस्कृत शिक्षा निदेशालय और जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित विशिष्ट व्याख्यान माला के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा,‘‘ संस्कृत भारतवर्ष की अस्मिता का प्रतीक है। पूरी दुनिया में भारत की पहचान धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राष्ट्र के रूप में है और यह पहचान उसे संस्कृत ही प्रदान करती है।’’ उन्होंने कहा कि भारत के दर्शन, चिंतन, कला, अध्यात्म और इतिहास की प्राणवायु संस्कृत है। संस्कृत के बिना भारत का कोई अस्तित्व नहीं है। यहां जारी बयान के अनुसार सिंह ने कहा कि यह भाषा शास्त्रीय और लोक,भाषा- परंपराओं को एकाकार और समृद्ध करती है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

भारतविजय दर्डा का ब्लॉग: अधिकारियों की थैली में माल क्यों आता है ?

भारतराजेश्वर सिंह को बीजेपी ने लखनऊ की सरोजनी नगर से दिया टिकट, मंत्री स्वाति सिंह का पत्ता कटा

भारतईडी के तेजतर्रार अधिकारी राजेश्वर सिंह को मिला वीआरएस, लड़ सकते हैं चुनाव

भारततोक्यो पैरालंपिक: अमरिंदर सिंह और मनोहर लाल खट्टर ने आईएएस अधिकारी सुहास को पदक जीतने पर बधाई दी

भारतमध्य प्रदेश सरकार ने किये 31 आईएएस एवं 35 आईपीएस अधिकारियों के तबादले

भारत अधिक खबरें

भारतIndigo Crisis: इंडिगो की उड़ानें रद्द होने के बीच रेलवे का बड़ा फैसला, यात्रियों के लिए 37 ट्रेनों में 116 कोच जोड़े गए

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक