नई दिल्ली: दिल्ली महिला आयोग ने कॉलेज के वार्षिक उत्सव के दौरान यौन उत्पीड़न की कथित घटनाओं का संज्ञान लेते हुए पुलिस, दिल्ली विश्वविद्यालय और इंद्रप्रस्थ कॉलेज फॉर वूमेन से मामले की पूरी रिपोर्ट मांगी है।
मंगलवार को डिसीडब्ल्यू की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कॉलेज और दिल्ली पुलिस को 18 अप्रैल तक घटना के जवाब में उठाए गए कदमों का विवरण देते हुए एक रिपोर्ट प्रदान करने को कहा है।
डीसीडब्ल्यू ने 28 मार्च को हुई घटना की जांच में कथित सुस्ती के लिए दिल्ली पुलिस की कड़ी आलोचना की है। दरअसल, कॉलेज में हो रहे फेस्ट के दौरान बाहर से कॉलेज की दीवार पर चढ़कर पुरुष इंद्रप्रस्थ कॉलेज में दाखिल हो गए और छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न किया।
डीसीडब्ल्यू के मुताबिक, घटना के दस दिन बाद भी दिल्ली पुलिस को अभी तक कॉलेज से सीसीटीवी फुटेज हासिल नहीं हुए हैं। पुलिस 8 अप्रैल तक कॉलेज से केवल आंशिक फुटेज एकत्र किए हैं।
दिल्ली महिला आयोग ने पुलिस से मांग की है कि वह घटना के पूरे फुटेज को जल्दी से प्राप्त करे और उसकी समीक्षा करे ताकि घटना को पूरी तरह से समझा जा सके।
दिल्ली महिला आयोग ने पुलिस की कार्रवाई पर निराशा व्यक्त की क्योंकि पुलिस ने उस दिन मामले में पकड़े गए पांच संदिग्धों को रिहा कर दिया। महिला संगठन ने पुलिस से घटना में शामिल सभी लोगों की पहचान करने और उन्हें जल्द से जल्द पकड़ने के लिए कठोर कदम उठाने की मांग की है।
डीसीडब्ल्यू ने कथित उत्पीड़न के बचे लोगों से बयान नहीं लेने के लिए पुलिस से भी असंतोष व्यक्त किया है। अधिकारियों के अनुसार, केवल दो आरोपियों ने आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत अपने बयान दर्ज किए हैं।
विचाराधीन घटना में "अज्ञात" पुरुष शामिल थे, जिन्होंने कथित रूप से इंद्रप्रस्थ महिला कॉलेज में वार्षिक 'श्रुति' उत्सव के दौरान छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की और उन्हें परेशान किया। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 337 और 188 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।
अधिकारियों को पेश होने के लिए किया तलब
गौरतलब है कि इससे पहले 3 अप्रैल को स्वाति मालीवाल ने दिल्ली पुलिस और दिल्ली विश्वविद्यालय के अधिकारियों को आयोग के समक्ष पेश होने के लिए तलब किया था। आधिकारिक नोटिस के मुताबिक, पुलिस, डीयू और कॉलेज के अधिकारियों को पैनल के सामने दिशानिर्देशों की एक सूची और तंत्रों के साथ पेश होने के लिए कहा गया है।
उन्होंने सुनिश्चित करने के लिए हैं कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। महिला आयोग ने फेस्च के दौरान दिल्ली पुलिस और कॉलेज प्रशासन द्वारा किए गए सुरक्षा इंतजामों का ब्योरा भी मांग है।