सुषमा स्वराज के पति स्वराज कौशल ने ब्रू-रियांग मामले में सरकार के फैसले का समर्थन किया है। मिजोरम के पूर्व राज्यपाल स्वराज ने कहा, 'यह समझौता एक समाधान है, जिससे एक बड़ा समस्या अंतिम होने वाला है। यह बहुत महत्वपूर्ण है। इसके पीछे बहुत सारे नेक इरादे हैं। 23 साल से ज्यादा समय तक ब्रू लोग कैंप में रह रहे थे। समझौता उन्हें स्थायी रूप से बसाने के लिए है ताकि वे गरिमापूर्ण जीवन जी सकें। शिविरों से सबकुछ गायब था।'
दरअसल, मिजोरम के 30 हजार से ज्यादा ब्रू-रियांग शरणार्थियों को स्थायी रूप से त्रिपुरा में बसाने के सरकार के फैसले पर सुषमा स्वराज के पति और मिजोरम के पूर्व राज्यपाल स्वराज कौशल ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि यह तदर्थ समाधान नहीं बल्कि स्थायी समाधान है। 1990 से 1993 के बीच मिजोरम के राज्यपाल रहे स्वराज ने कहा, 'यह समझौता एक समाधान है, जो अंतिम होने वाला है। यह बहुत महत्वपूर्ण है।
इसके पीछे बहुत सारे नेक इरादे हैं। 23 साल से ज्यादा समय तक ब्रू लोग कैंप में रह रहे थे। समझौता उन्हें स्थायी रूप से बसाने के लिए है ताकि वे गरिमापूर्ण जीवन जी सकें। शिविरों से सबकुछ गायब था।'