सुप्रीम कोर्ट ने बालीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के संबंध में पटना में दर्ज प्राथमिकी की जांच सीबीआई से कराने की बिहार सरकार की सिफारिश को बुधवार को सही ठहराया। ये FIR राजपूत के पिता कृष्ण किशोर सिंह ने दर्ज करायी थी। जस्टिस ऋषिकेश रॉय की एकल पीठ ने अपने फैसले में कहा कि बिहार सरकार इस मामले को जांच के लिये सीबीआई को हस्तांतरित करने में सक्षम थी।
सुप्रीम कोर्ट ने रिया चक्रवर्ती की याचिका पर यह फैसला सुनाया। रिया ने पटना में दर्ज मामला मंबई ट्रांसफर करने का अनुरोध करते हुये अपनी याचिका में कहा था कि मुंबई पुलिस सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में काफी जांच कर चुकी है। कोर्ट ने इस मामले में और भी कई बड़ी बातें कही।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में क्या कहा, जानिए
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा- सुशांत सिंह राजपूत एक प्रतिभाशाली एक्टर थे और उनकी पूरी प्रतिभा सामने आ पाती इससे पहले ही उनकी मौत हो गई।
- सुशांत सिंह राजपूत का परिवार और उन्हें चाहने वाले इस जांच के नतीजों का इंतजार कर रहे हैं। किसी भी तरह की अटकलों को खत्म करने के लिए ये इस समय की जरूरत है कि निष्पक्ष जांच की जाए।
- इस जांच के नतीजे सुशांत के पिता के लिए न्याय की तरह होगा जिन्होंने अपना एकमात्र बेटा खो दिया।
- याचिकाकर्ता (रिया चक्रवर्ती) के लिए भी ये न्याय की इच्छा के अनुरूप है क्योंकि उन्होंने भी पूर्व में सीबीआई जांच की मांग की थी।
- जब दोनों राज्य (बिहार और महाराष्ट्र) एक दूसरे पर राजनीतिक हस्तक्षेप जैसे आरोप लगा रहे हैं, ऐसे में जांच की असलियत संदेह में आ जाती है। एक निष्पक्ष जांच उन निर्दोषों के लिए न्याय होगा जो गैरजरूरी वजहों से भी निशाने पर हैं।
- कई लोगों ने इस मामले में छूट हासिल कर ली है और अपनी थ्योरी और कल्पना गढ़ रहे हैं। ऐसी प्रतिक्रियाओं की वजह से अटकलों को बल मिला है। इनमें दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से जांच प्रकिया को देरी करने और गलत दिशा देने की प्रवृति है।
बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत (34) मुंबई उपनगर बांद्रा में 14 जून को अपने फ्लैट की छत से लटके मिले थे। इसके बाद से ही मुंबई पुलिस विभिन्न पहलुओं से इस मामले की जांच कर रही है।
हालांकि, इसी दौरान राजपूत के पिता कृष्ण किशोर सिंह ने पटना के राजीव नगर थाने में रिया चक्रवर्ती और उसके परिवार के सदस्यों सहित छह व्यक्तियों के खिलाफ अपने बेटे को आत्महत्या के लिये बाध्य करने सहित कई गंभीर आरोपों में प्राथमिकी दर्ज करायी थी।