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सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ की निलंबित नौकरशाह सौम्या चौरसिया की बेल अर्जी खारिज की, लगाया 1 लाख रुपये का जुर्माना

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: December 14, 2023 14:58 IST

सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार में ताकतवर नौकरशाह रहीं निलंबित आईएएस अधिकारी सौम्या चौरसिया को बेहद कड़ा झटका दिया है।

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ठळक मुद्देसुप्रीम कोर्ट ने निलंबित आईएएस अधिकारी सौम्या चौरसिया को दिया बेहद कड़ा झटकाछत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार में ताकतवर नौकरशाह रहीं सौम्या चौरसिया की बेल खारिज हुईसुप्रीम कोर्ट ने न केवल बेल अर्जी ठुकराई बल्कि उन पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है 

नई दिल्ली/रायपुर: सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार में बेहद ताकतवर नौकरशाह रहीं सौम्या चौरसिया को बेहद कड़ा झटका दिया। सर्वोच्च अदालत ने गुरुवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले के आरोपों का सामना कर रही निलंबित आईएएस अफसर सौम्या चौरसिया को किसी भी तरह की राहत देने से इनकार करते हुए उनकी बेल अर्जी को खारिज कर दी है।

इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने भ्रष्टाचार के मामले में सख्ती दिखाते हुए सौम्या चौरसिया की न केवल बेल अर्जी ठुकराई बल्कि उनके उपर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिका में पाया कि सौम्या चौरसिया ने आदेश अपने अनुकूल पाने के लिए कोर्ट के सामने गलत तथ्यों को पेश किया था। अभी जेल में बंद निलंबित आईएएस अधिकारी सौम्या चौरसिया पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव थी और उनके सरकार में उन्हें बेहद रसूखदार माना जाता था।

सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने याचिकाकर्ता सौम्या चौरसिया को जमानत देने से इनकार कर दिया। उन पर आरोप है कि उन्होंने कथित कोयला लेवी घोटाले को अंजाम दिया था। इस कारण ईडी ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग आरोपों के तहत दिसंबर 2022 में गिरफ्तार किया था।

सौम्या चौरसिया ने अपनी गिरफ्तारी को पहले छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन हाईकोर्ट ने भी उन्हें किसी तरह की राहत देने से इनकार करते हुए जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

जिसके बाद वो शीर्ष अदालत पहुंची थीं, जहां न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने उन पर जुर्माना लगाते हुए कहा कि आरोपी सौम्या चौरसिया ने याचिका के जरिये अपने अनुकूल आदेश पाने के लिए तथ्यों को गलत तरीके से पेश करने का प्रयास किया है।

शीर्ष अदालत ने इसके साथ यह भी कहा कि निलंबित आईएएस अधिकारी सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका में उन्हें कोई मेरिट नहीं दिखाई दिया है।

टॅग्स :सुप्रीम कोर्टमनी लॉऩ्ड्रिंग मामलाप्रवर्तन निदेशालयछत्तीसगढ़IAS
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