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उच्चतम न्यायालय ने वी. सेंथिल बालाजी को दिया झटका, स्वास्थ्य आधार पर जमानत नहीं मिली

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 28, 2023 11:59 IST

बालाजी को 14 जून को ईडी ने 'नौकरी के बदले नकदी' घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया था, जब वह पूर्ववर्ती अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) शासन के दौरान परिवहन मंत्री थे।

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ठळक मुद्देउच्चतम न्यायालय ने वी. सेंथिल बालाजी को दिया झटका बालाजी की जमानत याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दियाबालाजी को 14 जून को ईडी ने धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया था

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार, 28 नवंबर को द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) के मंत्री वी. सेंथिल बालाजी की जमानत याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। बालाजी को धन शोधन के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया है। बालाजी ने स्वास्थ्य आधार पर जमानत का अनुरोध किया था। शीर्ष अदालत मद्रास उच्च न्यायालय के एक आदेश के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी। उच्च न्यायालय ने 19 अक्टूबर को उनकी जमानत याचिका यह कहकर खारिज कर दी थी कि अगर उन्हें जमानत पर रिहा किया गया तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।

शीर्ष अदालत में न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति एस. सी. शर्मा की पीठ ने बालाजी की स्वास्थ्य रिपोर्ट देखने के बाद कहा कि उनके स्वास्थ्य की स्थिति में कुछ भी गंभीर नहीं है और बालाजी नियमित जमानत के अनुरोध के लिए निचली अदालत जा सकते हैं। पीठ ने कहा, "गुण-दोष के आधार पर याचिकाकर्ता के खिलाफ अंतरिम आदेश में की गई कोई भी टिप्पणी उसके नियमित जमानत आवेदन दाखिल करने के मार्ग में नहीं आएगी।"

पीठ के मामले में विचार करने में अनिच्छा व्यक्त करने पर याचिका वापस ले ली गई और मामले को वापस लिया गया मानकर खारिज कर दिया गया। शीर्ष अदालत ने पहले बालाजी को अपनी चिकित्सकीय रिपोर्ट रिकॉर्ड में पेश करने का निर्देश दिया था। जमानत याचिका खारिज करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा था कि बालाजी की स्वास्थ्य रिपोर्ट से ऐसा नहीं लगता कि यह कोई ऐसी चिकित्सीय स्थिति है जिसका उनके जमानत पर रहने के दौरान ही इलाज किया जा सकता है।

बालाजी को 14 जून को ईडी ने 'नौकरी के बदले नकदी' घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया था, जब वह पूर्ववर्ती अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) शासन के दौरान परिवहन मंत्री थे। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मामले में दाखिल आरोपपत्र में कहा है कि तमिलनाडु के परिवहन मंत्री रहने के दौरान वी सेंथिल बालाजी ने विभाग में पूरी भर्ती प्रक्रिया को 'भ्रष्टाचार के केंद्र' में तब्दील कर दिया था और उनकी सरपरस्ती में 'पैसों के बदले नौकरी घोटाले' को अंजाम दिया गया।

टॅग्स :सुप्रीम कोर्टप्रवर्तन निदेशालयडीएमकेजेल
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