नई दिल्लीः अभिनेत्री और भाजपा सांसद कंगना रनौत ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय से अपनी याचिका वापस ले ली जिसमें 2020-21 के किसान आंदोलन के संबंध में कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए उनके खिलाफ दर्ज शिकायत को रद्द करने से उच्च न्यायालय के इनकार को चुनौती दी गई थी। उच्चतम न्यायालय ने उनसे कहा, ‘‘यह केवल साधारण रीट्वीट नहीं था और आपने इसमें ‘मिर्च मसाला’ लगा दिया था।’’ यह मामला न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आया।
पीठ ने सुनवाई में अनिच्छा दिखाते हुए कहा कि उक्त ट्वीट या रीट्वीट की व्याख्या पर कम से कम रद्द करने की याचिका में विचार नहीं किया जा सकता। कंगना के वकील ने पीठ से कहा कि अभिनेत्री ने ट्वीट को रीट्वीट किया था। वकील ने कहा, ‘‘उन्होंने बस ट्वीट को रीट्वीट किया था। मूल ट्वीट में पहले ही अन्य लोगों के अनेक रीट्वीट थे।’’
न्यायमूर्ति मेहता ने कहा, ‘‘पृष्ठ 35 पर अपनी टिप्पणियों के बारे में आप क्या कहते हैं? जैसा कि आप कहते हैं, यह कोई साधारण रीट्वीट नहीं है। आपने कुछ जोड़ा था, आपने पहले की बात में मिर्च मसाला डाला था।’’ जब वकील ने रीट्वीट का जिक्र किया तो पीठ ने कहा, ‘‘इसका क्या मतलब है? यह तो मुकदमे का विषय है।’’
वकील ने कहा कि उन्होंने मामला रद्द करने की याचिका दायर की है और रनौत ने स्पष्टीकरण भी दिया है। न्यायमूर्ति मेहता ने कहा कि स्पष्टीकरण निचली अदालत में दिया जा सकता है और रद्द करने की याचिका पर कार्यवाही में नहीं। वकील ने कहा कि आज उनकी मुवक्किल के लिए स्थिति यह है कि वह पंजाब में यात्रा नहीं कर सकतीं।
पीठ ने कहा कि वह पेश होने से छूट का अनुरोध कर सकती हैं। वकील ने कहा कि निचली अदालत ने मामले में रनौत को समन जारी करते समय उनके स्पष्टीकरण पर विचार नहीं किया। पीठ ने कहा, ‘‘हो सकता है कि शिकायतकर्ता ने इसे दायर न करने का फैसला किया हो। यह आपके लिए एक वैध बचाव हो सकता है।’’
पीठ ने आगे कहा, ‘‘पृष्ठ 35 पर जो लिखा गया है, उस पर हमें टिप्पणी करने के लिए न कहें। इससे आपके मुकदमे पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। हमें टिप्पणी करने के लिए न कहें। आपके पास एक वैध बचाव हो सकता है, हम उस पर विचार नहीं कर रहे हैं। लेकिन ऐसा करने के और भी तरीके हैं।’’
न्यायमूर्ति नाथ ने वकील से पूछा कि क्या याचिकाकर्ता अपनी याचिका वापस लेना चाहती हैं। वकील ने कहा, ‘‘मेरी मुवक्किल याचिका वापस लेंगी।’’ तब पीठ ने इसकी अनुमति दे दी। अभिनय से राजनीति में आईं कंगना ने अपने खिलाफ शिकायत को रद्द करने से इनकार करने के पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख किया था।
उन्होंने मानहानि की शिकायत को चुनौती दी जो उनके उस रीट्वीट पर आधारित थी जिसमें अब निरस्त हो चुके कृषि कानूनों के खिलाफ 2020-21 के किसान विरोध प्रदर्शन के दौरान एक महिला प्रदर्शनकारी के बारे में उनकी अपनी टिप्पणी शामिल थी। शिकायतकर्ता महिंदर कौर (73), जो पंजाब के बठिंडा जिले के बहादुरगढ़ जांडियान गांव की रहने वाली हैं, ने जनवरी 2021 में बठिंडा में शिकायत दर्ज कराई थी।
बठिंडा की अदालत में शिकायत में दावा किया गया था कि अभिनेत्री ने रीट्वीट में उनके खिलाफ ‘झूठे आरोप लगाए और टिप्पणियां’ की थीं जिनमें कहा गया था कि वह वही ‘दादी’ हैं जो शाहीन बाग में हुए विरोध प्रदर्शन में शामिल थीं। कंगना के वकील ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में तर्क दिया था कि बठिंडा अदालत का समन आदेश अपराध प्रक्रिया संहिता का उल्लंघन होने के कारण टिकने योग्य नहीं है।