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सुब्रमण्यम स्वामी ने नमो सरकार पर फिर उठाए सवाल, 'राम सेतु' को लेकर कही ये बात

By पल्लवी कुमारी | Updated: February 10, 2020 11:04 IST

साल 2019 में सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में राम सेतु को  प्राचीन ऐतिहासिक स्मारक घोषित करने की याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की थी।

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ठळक मुद्देधार्मिक मान्यताओं के अलावा बीजेपी का भी मानना है कि रामसेतु को भगवान श्रीराम ने बनवाया था। इसी वजह से साल 2007 में रामसेतु पर विवाद शुरू हुआ था। 2007 में यूपीए सरकार ने प्रस्ताव दिया था कि सेतुसमुद्रम परियोजना के लिए रामसेतु के अलावा कोई विकल्प आर्थिक तौर पर लाभदायक नहीं है

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद और वरिष्ठ वकील सुब्रमण्यम स्वामी ने राम सेतु को प्राचीन ऐतिहासिक स्मारक घोषित करने को लेकर केंद्र की नमो सरकार पर फिर से सवाल उठाए हैं। सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर नमो सरकार से जवाब मांगा है कि सरकार बताए कि अभी तक राम सेतु' को प्राचीन ऐतिहासिक स्मारक क्यों नहीं घोषित किया गया। सुब्रमण्यम स्वामी ने आज (10 फरवरी) को ट्वीट करते हुए लिखा, क्या कोई PT समझाएगा कि 5 1/2 साल बाद भी नमो सरकार ने राम सेतु को प्राचीन धरोहर स्मारक घोषित क्यों नहीं किया है? जो कि प्राचीन स्मारक अधिनियम धारा 2 के अनुसार होने के योग्य है? बताइए क्या राम मंदिर के जैसे इस मामले को लेकर भी मुझे सुप्रीम कोर्ट में जाने को मजबूर होना पड़ेगा?

सुब्रमण्यम स्वामी ने इससे पहले देश की अर्थव्यवस्था को लेकर भी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को सुझाव दिए थे। सुब्रमण्यम स्वामी ने यह तक कहा था कि पीएम मोदी को अर्थव्यवस्था की समझ नहीं है। सुब्रमण्यम स्वामी ने मांग की थी कि निर्मला सीतारमण की जगह उनको वित्त मंत्री बना देना चाहिए। 

राम सेतु को प्राचीन ऐतिहासिक स्मारक घोषित करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाल चुके हैं सुब्रमण्यम स्वामी

साल 2019 में सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में राम सेतु को  प्राचीन ऐतिहासिक स्मारक घोषित करने की याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की थी। उस वक्त सुप्रीम कोर्ट ने स्वामी को तीन महीने बाद अपील करने को कहा था। कोर्ट ने केंद्र सरकार से हलफनामा दायर कर अपना रुख स्पष्ट करने को भी कहा था। 

धार्मिक मान्यताओं के अलावा बीजेपी का भी मानना है कि रामसेतु को भगवान श्रीराम ने बनवाया था। इसी वजह से साल 2007 में रामसेतु पर विवाद शुरू हुआ था, जब यूपीए सरकार ने प्रस्ताव दिया था कि सेतुसमुद्रम परियोजना के लिए रामसेतु के अलावा कोई विकल्प आर्थिक तौर पर लाभदायक नहीं है। हालांकि धार्मिक और पर्यावरण कार्यकर्ता इस परियोजना का विरोध कर रहे थे। इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था।

टॅग्स :सुब्रमणियन स्वामीमोदी सरकारसुप्रीम कोर्ट
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