लाइव न्यूज़ :

नौसेना में शामिल स्टील्थ फ्रिगेट आईएनएस उदयगिरि और हिमगिरि, 8 ब्रह्मोस मिसाइल, टॉरपीडो लॉन्चर, युद्ध प्रबंधन प्रणालियां से लैस, पाकिस्तान और चीन में हड़कंप, जानें विशेषता

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 26, 2025 21:19 IST

दो अलग-अलग शिपयार्ड में निर्मित अग्रिम पंक्ति के दो जंगी पोतों को एक साथ जलावतरण समारोह में शामिल किया गया। यह घटनाक्रम भारत के पूर्वी तट के बढ़ते समुद्री महत्व को रेखांकित करता है।

Open in App
ठळक मुद्देदो अत्याधुनिक ‘प्रोजेक्ट 17ए’ के तहत बने स्टील्थ फ्रिगेट्स को शामिल किया गया। देश के पास एफ-35 (पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान) हवा में उड़ रहा है।“एफ-35 युद्धपोत”, आईएनएस उदयगिरि, “मेड इन इंडिया” तकनीक से समुद्र में उड़ान भर रहा है।

विशाखापत्तनमः देश की समुद्री मारक क्षमताओं को बढ़ाते हुए भारतीय नौसेना ने मंगलवार को दो बहुउद्देशीय स्टील्थ फ्रिगेट आईएनएस उदयगिरि और आईएनएस हिमगिरि को नौसेना में शामिल किया। इनमें से प्रत्येक पोत आठ ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस है और इन्हें स्वदेशी निर्माताओं द्वारा विकसित उन्नत हथियारों और सेंसरों से सुसज्जित किया गया है। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में भारतीय नौसेना की पूर्वी नौसेना कमान में दो अत्याधुनिक ‘प्रोजेक्ट 17ए’ के तहत बने स्टील्थ फ्रिगेट्स को शामिल किया गया। इनका जलावतरण ऐसा पहला अवसर है, जब दो अलग-अलग शिपयार्ड में निर्मित अग्रिम पंक्ति के दो जंगी पोतों को एक साथ जलावतरण समारोह में शामिल किया गया। यह घटनाक्रम भारत के पूर्वी तट के बढ़ते समुद्री महत्व को रेखांकित करता है।

सिंह ने कहा, “इन युद्धपोतों के हथियार और सेंसर पैकेज इन्हें समुद्र का बेजोड़ रक्षक बनाते हैं। मुझे बताया गया है कि इन युद्धपोतों में कई उन्नत क्षमताएं भी शामिल हैं। लंबी दूरी तय करने में सक्षम इन दोनों युद्धपोतों में सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें, सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइलें, टॉरपीडो लॉन्चर, युद्ध प्रबंधन प्रणालियां और अग्नि नियंत्रण प्रणालियां जैसी उन्नत प्रणालियां हैं।”

सिंह ने कहा कि नौसेना की भूमिका केवल समुद्र की सुरक्षा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह आर्थिक सुरक्षा का भी एक प्रमुख स्तंभ है, क्योंकि तेल, प्राकृतिक गैस जैसी भारतीय ऊर्जा आवश्यकताएं काफी हद तक क्षेत्र की सुरक्षा पर निर्भर करती हैं। अमेरिका का परोक्ष रूप से उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि एक देश के पास एफ-35 (पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान) हवा में उड़ रहा है।

जबकि भारतीय नौसेना द्वारा निर्मित “एफ-35 युद्धपोत”, आईएनएस उदयगिरि, “मेड इन इंडिया” तकनीक से समुद्र में उड़ान भर रहा है। सिंह ने कहा कि भारत कभी भी आक्रामक विस्तारवाद में विश्वास नहीं करता है और पूरी दुनिया जानती है कि उसने कभी किसी देश पर पहले हमला नहीं किया। उन्होंने कहा, हालांकि, जब इसकी सुरक्षा पर हमला होता है, तो भारत जानता है कि कैसे जवाब देना है।

सिंह ने कहा, ‘‘यहां की भू-रणनीतिक स्थिति ऐसी है कि ये हमारे आर्थिक विकास को भी सीधे प्रभावित करने की क्षमता रखती है। हमारी ऊर्जा जरूरतें, तेल, प्राकृतिक गैस, सभी काफी हद तक इस क्षेत्र की सुरक्षा पर निर्भर हैं। इसलिए, नौसेना की भूमिका केवल समुद्र की सुरक्षा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारी राष्ट्रीय आर्थिक सुरक्षा का भी एक प्रमुख स्तंभ है।’’

उन्होंने कहा कि ये आधुनिक पोत हैं और समुद्र में अत्यंत जटिल एवं जोखिम भरे अभियानों में ये महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। दोनों फ्रिगेट भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा आंतरिक रूप से डिजाइन किए गए हैं, और विशेष रूप से, उदयगिरि युद्धपोत डिज़ाइन ब्यूरो द्वारा डिज़ाइन किया गया 100वां जहाज है, जो स्वदेशी युद्धपोत डिजाइन के पांच दशकों में एक महत्‍वपूर्ण उपलब्धि है।

रक्षा अधिकारियों के मुताबिक उदयगिरि और हिमगिरि, परियोजना 17 (शिवालिक) श्रेणी के मध्यम आकार के अनुवर्ती पोत हैं, और दोनों जहाजों में डिजाइन, स्टील्थ (रडार की पहुंच से बच निकलने की क्षमता), हथियार और सेंसर प्रणालियों में महत्वपूर्ण सुधार किए गए हैं, जो गहन समुद्री परिस्थितियों में मिशनों की पूरी शृंखला को अंजाम देने में सक्षम हैं।

भारतीय नौसेना ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, “दो अत्याधुनिक लड़ाकू प्लेटफॉर्म भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल हो गए हैं, जिससे समुद्र में भारत की ताकत और मजबूत होगी...।” उदयगिरि, प्रोजेक्ट 17ए का दूसरा जहाज है और इसका निर्माण मुंबई स्थित मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) द्वारा किया गया है।

हिमगिरि, गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई), कोलकाता द्वारा निर्मित पहला पी17ए जहाज है। दोनों ही युद्धपोत पहले के डिजाइनों की तुलना में बेहद अत्याधुनिक हैं। उदयगिरि को अपनी श्रेणी का सबसे तेज जहाज होने का गौरव भी प्राप्त है, जो भारतीय शिपयार्ड द्वारा अपनाई गई मॉड्यूलर निर्माण पद्धति का परिणाम है।

करीब 6,700 टन वजनी पी17ए श्रेणी के फ्रिगेट अपने पूर्ववर्ती शिवालिक श्रेणी के फ्रिगेट्स की तुलना में लगभग पांच प्रतिशत बड़े हैं। इनमें अधिक सुव्यवस्थित संरचना और कम रडार प्रतिबिंब (रडार क्रॉस सेक्शन) जैसी उन्नत विशेषताएं शामिल की गई हैं। इनमें भारतीय निर्माताओं द्वारा विकसित उन्नत हथियारों और सेंसरों को भी शामिल किया गया है।

इन पोत के हथियारों के समूह में सुपरसोनिक सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें, मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, 76 मिमी एमआर तोप और 30 मिमी और 12.7 मिमी ‘क्लोज-इन’ हथियार प्रणालियों का संयोजन शामिल है। पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले पर राजनाथ सिंह ने कहा कि आतंकवादियों ने निर्दोष लोगों का धर्म पूछकर उनकी हत्या कर दी।

इस हमले में भारतीय पर्यटक मारे गए थे। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे निर्दोष लोगों पर हमला हमारे लिए एक चुनौती थी, लेकिन भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिये इसका प्रभावी और सटीक जवाब दिया। भारत ने आतंकी ढांचे को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया। रक्षा मंत्री ने कहा, “मैं कहना चाहता हूं कि ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है, बस रुका हुआ है।”

टॅग्स :भारतीय नौसेनाराजनाथ सिंहपाकिस्तानPakistan Armyचीन
Open in App

संबंधित खबरें

विश्वपाकिस्तान में 1,817 हिंदू मंदिरों और सिख गुरुद्वारों में से सिर्फ़ 37 ही चालू, चिंताजनक आंकड़ें सामने आए

भारतविजय की लहरों पर सवार भारतीय नौसेना

भारतDRDO के हाई-स्पीड रॉकेट-स्लेज ट्रायल में फाइटर जेट एस्केप सिस्टम की सफलता दिखाई गई | WATCH

विश्व'इमरान खान ज़िंदा और ठीक हैं': पाकिस्तान के पूर्व पीएम की बहन ने रावलपिंडी की अदियाला जेल में उनसे मिलने के बाद दिया बयान | VIDEO

विश्वपाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान जिंंदा हैं या नहीं!

भारत अधिक खबरें

भारतइंडिगो की 400 से ज्यादा उड़ानें आज हुई रद्द, यात्रियों के लिए मुश्किल हुआ हवाई सफर

भारतPutin Visit India: राष्ट्रपति पुतिन के भारत दौरे का दूसरा दिन, राजघाट पर देंगे श्रद्धांजलि; जानें क्या है शेड्यूल

भारतRBI MPC Meet: लोन होंगे सस्ते, RBI ने रेपो रेट 25 बेसिस पॉइंट्स घटाकर 5.25% किया

भारतपीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को भेंट की भगवत गीता, रशियन भाषा में किया गया है अनुवाद

भारतछत्तीसगढ़: हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती