दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के 200 से अधिक प्राध्यापकों ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी पर एक सार्वजनिक बयान जारी करके इसे ‘‘अपमानजनक एवं असत्य’’ बताया है। मोदी ने यह बयान शनिवार को कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी के राफेल मुद्दे पर निशाना बनाते हुये कहा था कि, ‘‘आपके पिता को उनके सहयोगी ‘मिस्टर क्लीन’ कहते थे लेकिन उनके जीवन का अंत ‘भ्रष्टाचारी नम्बर वन’ के रूप में हुआ।’’
डीयू के बयान में कहा गया है, ‘‘नरेंद्र मोदी ने दिवंगत राजीवजी के बारे में अपमानजनक एवं असत्य टिप्पणी करके प्रधानमंत्री पद की गरिमा को कम किया है, जिन्होंने राष्ट्र की सेवा में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था।’’ इसमें कहा गया है कि कोई प्रधानमंत्री कभी भी इतने नीचे स्तर पर नहीं पहुंचा जितना मोदी अपने कार्यों से पहुंच चुके हैं।
बयान में कहा गया है कि राष्ट्र, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की उपलब्धियों की प्रशंसा करता है। इसमें करगिल हमले में बोफोर्स तोपों के इस्तेमाल के समय जवानों की प्रसन्नता एवं संचार क्रांति का उल्लेख करके इसका श्रेय राजीव गांधी को दिया गया है। इस बयान पर दिल्ली यूनीवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (डूटा) के पूर्व अध्यक्ष आदित्य नारायण मिश्रा एवं अन्य लोगों के हस्ताक्षर हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को भ्रष्ट बताए जाने पर दिल्ली विश्वविद्यालय के दो सौ से ज्यादा शिक्षकों ने एक आलोचना पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैम पित्रोदा ने मंगलवार को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को भ्रष्ट बताए जाने के एक दिन बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी को आड़े हाथ लिया था।
राहुल और प्रियंका गांधी की टिप्पणी मोदी के बयान के एक दिन बाद आई थी। मोदी ने उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में एक रैली में उनके पिता पर हमला किया और 'भ्रष्टाचारी नंबर 1' बताया। मोदी ने कहा, "आपके (राहुल गांधी) पिता को उनके दरबारियों द्वारा 'मिस्टर क्लीन' बुलाया जाता था, लेकिन उनका जीवन 'भ्रष्टाचारी नंबर 1' के रूप में समाप्त हुआ। " मोदी की यह प्रतिक्रिया कांग्रेस प्रमुख द्वारा राफेल जेट सौदे को लेकर भ्रष्टाचार के लगातार हमलों के बाद आई।