कैसा देश है मेरा! रोज बर्बाद होता है 224 करोड़ का अन्न, भूखे सोते हैं 19 करोड़ देशवासी
By मेघना वर्मा | Updated: January 9, 2018 10:17 IST2018-01-08T18:05:54+5:302018-01-09T10:17:13+5:30
युनाइटेड नेशन की फूड एंड एग्रिकल्चर ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट के अनुसार 88,800 करोड़ रुपए की लागत का खाना रोज बर्बाद होता है।

कैसा देश है मेरा! रोज बर्बाद होता है 224 करोड़ का अन्न, भूखे सोते हैं 19 करोड़ देशवासी
डिजिटल होने की बात हो या चांद पर पहुंचने की, भारत देश किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं रहा है। हमारा देश आज हर क्षेत्र में तरक्की कर रहा है लेकिन दुःख की बात है कि आज भी भारत की बड़ी आबादी को भूखा सोना पड़ रहा है। ऐसा बिल्कुल नहीं है कि भारत में कम अनाज पैदा होता है, सच तो यह है कि यह खाना जरूरतमंदों तक पहुंच ही नहीं पाता है। भूखों तक पहुंचने से पहले ही इसका एक बहुत बड़ा हिस्सा बर्बाद हो चुका होता है। युनाइटेड नेशन की फूड एंड एग्रिकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (FAO)ने इससे जुड़ी एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट को देखकर यह बात तो साफ हो गयी की भारत में हर भूखा आदमी गरीबी से नहीं मरता।
हर साल 224 करोड़ रुपए का खाना होता है बर्बाद
FAO की इस रिपोर्ट में बताया है कि भारत हर साल 244 करोड़ रुपये का खाना बर्बाद कर देता है जिसका सालाना के हिसाब से 88,800 करोड़ रुपये लागत बैठता है। वहीं दूसरी तरफ भारत में ही रोजाना 19 करोड़ 40 लाख लोग भूखे रहते हैं। जिन्हें पर्याप्त मात्रा में अनाज पंहुच ही नहीं पाता। बर्बाद सामान में 21 मिलियन टन गेहूं संबंधी उत्पादन होता है। वहीं फसल कटाई के बाद होने वाला नुकसान एक लाख करोड़ रुपए के करीब बैठता है। कुल उत्पादित होने वाली खाद्य सामग्री का चालिस प्रतिशत हर साल बर्बाद हो जाता है।
भारतीय खाना बर्बाद करने में है आगे
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की जनसंख्या को खिलाने के लिए हर साल 225-230 मिलियन टन खाने की जरूरत है। वहीं 2015-16 में 270 मिलियन टन का उत्पादन हुआ था।
वैश्विक भूख सूचकांक में भारत की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। 119 देशों में भारत 100वें नंबर पर है। बता दें कि 2016 में भी एक रिपोर्ट आई थी। उसमें कहा गया था कि ब्रिटेन के लोग जितना खाना खाते हैं उतना भारतीय बर्बाद कर देते हैं।