नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9वें सिख गुरु तेग बहादुर की 400वीं जयंती के अवसर पर लाल किले पर आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे। पीएम मोदी ने प्रकाश पर्व समारोह के अवसर पर एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी किया। ये लालकिला कितने ही अहम कालखण्डों का साक्षी रहा है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि आज हमारा देश अपने गुरुओं के आदर्शों पर पूरी श्रद्धा के साथ आगे बढ़ रहा है। इस पुण्य अवसर पर मैं सभी दस गुरुओं के चरणों में नतमस्तक हूँ। प्रकाश पर्व के अवसर पर आप सभी को हार्दिक बधाई देता हूं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उस समय भारत को अपनी पहचान बचाने के लिए एक बड़ी उम्मीद गुरु तेगबहादुर साहब के रूप में दिखी थी। औरंगजेब की आततायी सोच के सामने उस समय गुरु तेगबहादुर जी, ‘हिन्द दी चादर’ बनकर, एक चट्टान बनकर खड़े हो गए थे।
इस किले ने गुरु तेग बहादुर जी की शहादत को भी देखा है और देश के लिए मरने-मिटने वाले लोगों के हौसले को भी परखा है। आजादी के बाद के 75 वर्षों में भारत के कितने ही सपनों की गूंज यहां से प्रतिध्वनित हुई है।
इसलिए आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान लाल किले पर हो रहा ये आयोजन बहुत विशेष हो गया है। गुरु तेग बहादुर जी के अमर बलिदान का प्रतीक गुरुद्वारा शीशगंज साहब भी है। ये पवित्र गुरुद्वारा हमें याद दिलाता है कि हमारी महान संस्कृति की रक्षा के लिए गुरु तेग बहादुर जी का बलिदान कितना बड़ा था।
पीएम मोदी ने कहा कि इससे पहले 2019 में हमें गुरुनानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व और 2017 में गुरु गोबिंद सिंह जी का 350वां प्रकाश पर्व मनाने का भी अवसर मिला था। मुझे खुशी है कि आज हमारा देश पूरी निष्ठा के साथ हमारे गुरुओं के आदर्शों पर आगे बढ़ रहा है।
उस समय देश में मजहबी कट्टरता की आंधी आई थी। धर्म को दर्शन, विज्ञान और आत्मशोध का विषय मानने वाले हमारे हिंदुस्तान के सामने ऐसे लोग थे जिन्होंने धर्म के नाम पर हिंसा और अत्याचार की पराकाष्ठा कर दी थी।