नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले पर आयोजित गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व समारोह में शामिल हुए। प्रधानमंत्री 9वें सिख गुरु तेग बहादुर की 400वीं जयंती के अवसर पर लाल किले पर आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे। सूर्यास्त के बाद लाल किले से संबोधित करने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री हैं।
यह जानकारी केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने दी। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी एक विशेष सिक्का और डाक टिकट भी जारी की। मंत्रालय ने कहा कि इस मौके पर 400 रागी (सिख संगीतकार) ‘‘शबद कीर्तन’’ किया। इस कार्यक्रम का आयोजन संस्कृति मंत्रालय द्वारा दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सहयोग से किया जाएगा।
केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि सिख गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व के मौके पर इस कार्यक्रम का आयोजन ‘‘आजादी का अमृत महोत्सव’’ के तहत किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘धार्मिक आस्थाओं की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए गुरु तेग बहादुर मुगलों के अत्याचारों के खिलाफ खड़े हुए। वह सिखों और हिंदुओं खासतौर पर कश्मीरी पंडितों के अधिकारों के लिए लड़े ताकि वे धर्मांतरण का विरोध कर अपनी आस्थाओं का पालन कर सकें।’’
रेड्डी ने कहा, ‘‘मैंने व्यक्तिगत तौर पर कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों को और अमृतसर के हरमिंदर साहिब, पटना साहिब तथा देश भर के प्रमुख गुरुद्वारों की हस्तियों को आमंत्रित किया है।’’ गौरतलब है कि समारोह के पहले दिन 20 अप्रैल को केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह इसमें शामिल हुए थे और लाल किले में मल्टीमीडिया शो ‘द लाइफ एंड सैक्रिफाइस ऑफ श्री गुरु तेग बहादुर जी’ का भी उद्घाटन किया था।
आयोजन स्थल पर दिल्ली पुलिस सहित विभिन्न एजेंसियों के करीब एक हजार जवानों को बहुस्तरीय सुरक्षा में तैनात किया गया है। करीब 100 सीसीटीवी कैमरे लाल किला परिसर में लगाए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि एनएसजी निशानेबजों, स्वाट कमांडो, काइट हंटर, श्वान दस्तों और ऊंची इमारतों पर शार्प शूटरों का सुरक्षा घेरा बनाया गया है।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर सामाजिक दूरी के नियमों का अनुपालन कराया जाएगा। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘‘हमने पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की है और विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों से समन्वय कर रहे हैं ताकि आयोजन स्थल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके जिनमें विध्वंस रोधी मंच की व्यवस्था शामिल हैं।’’
उन्होंने बताया कि ऐतिहासिक स्मारक की कई चरणों में सुरक्षा की व्यवस्था की गई है जैसा कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर होता है। अधिकारी ने बताया, ‘‘जहांगीरपुरी में हिंसा की घटना के बाद तनाव की स्थिति को देखते हुए हम अधिक सतर्क हैं।’’ उन्होंने बताया कि सीसीटीवी कैमरों से पुलिस नियंत्रण कक्ष में पूरे दिन इलाके की निगरानी की जाएगी।
अधिकारियों ने बताया के केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती पहले ही उत्तरी दिल्ली के संवेदनशील इलाकों चांदनी महल, हौज काजी और बाजार में एहतियातन कर दी गई है ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि कोई अवांछित गतिविधि न हो। पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘‘बल की महिला स्वाट टीम हमेशा पीसीआर के साथ सुरक्षा टीम का हिस्सा होती है।’’