अहमदाबादः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी बुधवार शाम वीडियो कांफ्रेंस के जरिये सोमनाथ मंदिर न्यास की बैठक में शामिल हुए।
न्यास की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि बैठक में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल को एक वर्ष के लिए दोबारा न्यास का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। मोदी और आडवाणी श्री सोमनाथ न्यास के सदस्य हैं। न्यास, गिर सोमनाथ जिले में स्थित प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर का प्रबंधन देखता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘श्री सोमनाथ ट्रस्ट की बैठक में वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से शामिल हुआ। हम लोगों ने मंदिर से जुड़े कई मुद्दों के अलावा ट्रस्ट की ओर से मौजूदा परिस्थितियों में की गई सामुदायिक सेवा और प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से अधिक से अधिक श्रद्धालुओं को पूजा से जोड़ने को लेकर चर्चा हुई।”
न्यास के सचिव पी के लाहिड़ी ने कहा कि सभी न्यासी केशुभाई पटेल को एक साल के लिए अध्यक्ष नियुक्त करने पर सहमत हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को श्री सोमनाथ ट्रस्ट की एक बैठक में शामिल हुए और इस ऐतिहासिक मंदिर के विकास से जुड़े तमाम मुद्दों पर चर्चा की। गुजरात के गिर-सोमनाथ जिले में स्थित यह ट्रस्ट भगवान शिव के प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर से जुड़े मामलों का प्रबंधन करता है।
सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट 8 सदस्यों का ट्रस्टी बोर्ड है. इसमें फिलहाल 7 सदस्य हैं। इन सात सदस्यों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल, लालकृष्ण आडवाणी, गृह मंत्री अमित शाह, हर्षवर्धन नेवतिया, पीके लहेरी, जी डी परमार शामिल हैं। ट्रस्ट के वर्तमान चेयरमैन केशूभाई पटेल हैं।
सोमनाथ ट्रस्ट ही प्रभास पाटन में मौजूद सभी 64 मंदिरों का प्रबंधन देखता है। इसके अलावा ट्रस्ट के पास 2,000 एकड़ जमीन भी है। ट्रस्ट की दूसरी जिम्मेदारियों में चंदा एकत्र करना और मंदिर से संबंधित सभी देखभाल के कार्यों का संचालन करना होता है।
सोमनाथ ट्रस्ट एक धार्मिक चैरिटबल ट्रस्ट है. यह गुजरात पब्लिक ट्रस्ट एक्ट 1950 के तहत रजिस्टर्ड है। इस ट्रस्ट के पास ही सोमनाथ मंदिर, 64 अन्य मंदिर, इसके गेस्ट हाउस का ध्यान और रखरखाव रखने का अधिकार है. ट्रस्ट का कामकाज इसके ट्रस्टी देखते हैं. ट्रस्टी के बोर्ड में एक चेयरमैन और सचिव समेत आठ सदस्य होते हैं।