नई दिल्ली:अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में नौकरी करने की इच्छा रखने वाले भारतीय आईटी पेशेवरों को झटका देते हुए एच-1बी वीजा के साथ ही अन्य विदेश कामकाजी वीजा जारी करने पर इस साल के अंत तक रोक लगाने की आधिकारिक घोषणा की। इस पर गुरुवार को विदेश मंत्रालय ने पहली प्रतिक्रिया दी है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने बृहस्पतिवार को मीडिया से बातचीत में अमेरिका द्वारा रद्द किए गए एच-1बी मामले पर कहा, 'इससे उन कुशल पेशेवरों के प्रभावित होने की संभावना है जो इन गैर-अप्रवासी वीजा कार्यक्रम का लाभ उठाने के लिए अमेरिका में वैध तरीके से काम करते हैं। हम भारतीय नागरिकों और उद्योग पर आदेश के प्रभाव का आकलन कर रहे हैं।
डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1बी, अन्य वीजा पर साल के अंत तक रोक लगाई
राष्ट्रपति ट्रंप के आदेश का कई भारतीय आईटी पेशेवरों और कई अमेरिकी एवं भारतीय कंपनियों पर प्रभाव पड़ सकता है जिन्हें अमेरिकी सरकार ने एक अक्टूबर से शुरू हो रहे वित्त वर्ष 2021 के लिए एच-1बी वीजा जारी कर दिए थे। इन सभी को मुद्रांकन के लिए अमेरिकी कूटनीतिक मिशनों का रुख करने से पहले अब कम से कम मौजूदा वर्ष खत्म होने तक इंतजार करना पड़ेगा। यह घोषणा बड़ी संख्या में उन भारतीय आईटी पेशेवरों को भी प्रभावित करेगी जो अपने एच-1बी वीजा के नवीनीकरण की प्रतीक्षा में थे।
एच1बी वीजा प्रणाली में सुधार कर मेरिट आधारित आव्रजन की ओर बढ़ा जाए: ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने प्रशासन को एच1बी वीजा प्रणाली में ''सुधार'' करने और मेरिट पर आधारित आव्रजन प्रणाली की ओर कदम बढ़ाने का निर्देश दिया है। व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। ट्रंप ने एच-1बी व अन्य कार्य वीजा जारी करने पर इस साल के अंत तक रोक लगाने की आधिकारिक घोषणा की, जिसके कुछ ही देर बाद व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा, ''मेरिट पर आधारित आव्रजन प्रणाली की ओर बढ़ रहे हैं।'' बयान में कहा गया है कि ट्रंप प्रशासन बेहद कुशल श्रमिकों को प्राथमिकता देने और अमेरिकी लोगों की नौकरियों की सुरक्षा के लिए आव्रजन प्रणाली में सुधार करेगा
'एच-1बी वीजा निलंबन से प्रवासी श्रमिकों पर निर्भर अमेरिकी कारोबारों को होगा नुकसान'
अमेरिकी सांसदों ने कहा है कि एच1-बी वीजा और अन्य गैर आव्रजक वीजा के अस्थायी निलंबन से एशिया के उच्च कौशल प्राप्त कर्मियों के साथ-साथ उन अमेरिकी कारोबारों को नुकसान होगा, जो प्रवासी कर्मियों पर निर्भर करते हैं। सांसद जूडी चू ने कहा, ‘‘इससे एशिया के वे उच्च दक्षता प्राप्त कर्मी प्रभावित होंगे, जो एच-1बी वीजा प्रणाली का व्यापक स्तर पर इस्तेमाल करते हैं। अमेरिका में एच1-बी वीजा धारकों में से 80 प्रतिशत एशिया के लोग ही हैं।’’ उन्होंने रेखांकित किया कि प्रवासी अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए अहम हैं और वे कृषि एंव चिकित्सकीय क्षेत्रों में ही नहीं, बल्कि कारोबार और अकादमिक जैसे क्षेत्रों के लिए भी आवश्यक है।