आगामी एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए जाने वाले आम बजट में उनकी पूरी चिंता पटरी से उतरी अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने की होगी. हालांकि यह एक बड़ी चुनौती है क्योंकि सरकार के काम-काज से जो संकेत मिल रहे है उससे फिलहाल इस पर काबू पाना मुमकिन होता नजर नहीं आ रहा.
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार बाजार को रफ्तार देने के इरादे से वित्तमंत्री कुछ नई घोषणाएं कर सकती है जिनमें नागरिक विमानन के क्षेत्र में सौ फीसदी विदेशी पूंजी निवेश की अनुमति देना शामिल है.
उपभोक्ताओं को हाथ में अधिक पैसा देने के इरादे से आयकर की वर्तमान सीमा में छूट देते हुए इसके स्लैब बदले जाने के संकेत है. इस आशय के भी संकेत मिले है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं को बेहतर ढंग से दिखाने के लिए स्वास्थ्य के क्षेत्र में विशेष राशि का आंवटन किया जा सकता है.
उद्योग जगत द्वारा लंबे समय से म्युचल फंड में दीर्घ कालीन कैपिटेल गेन की इजाजत भी संभव है. इसके अलावा विलासता की वस्तुओं पर अधिक कर लगाया जा सकता है जिससे आयकर में दी जाने वाली छूट की भरपाई कर राजस्व का घाटा पूरा किया जा सके.