महाराष्ट्र में शिवसेना फ्रंटफुट पर राजनीति कर रही है। आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री बनवाने के लिए शिवसेना ने समर्थन जुटाना शुरू कर दिया है। शनिवार रात शिवसेना को प्रहार जनशक्ति पार्टी (PJP) के दो विधायकों ने अपना समर्थन दिया है। अचलपुर विधानसभा क्षेत्र के बच्चू कडू और मेलघाट विधानसभा क्षेत्र के राजकुमार पटेल ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात की और उन्हें अपना समर्थन दिया।
'सामना' में एनसीपी नेता शरद पवार की तारीफ
शिवसेना ने अपने सहयोगी दल भाजपा से शनिवार को लिखित में आश्वासन मांगा कि वह महाराष्ट्र में ‘सत्ता में बराबर की हिस्सेदारी के फार्मूले’ (50:50) को लागू करेगी। इस बीच रविवार को शिवसेना के मुखपत्र सामना में एनसीपी नेता शरद पवार की तारीफ की गई है। सामना में कहा गया है कि महाराष्ट्र की सत्ता का रिमोट कंट्रोल उद्धव ठाकरे के हाथ में हैं। विपक्षी कांग्रेस ने भी कहा है कि उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवेसना को को ‘‘वैकल्पिक व्यवस्था’’ तलाशनी चाहिए।
'सामना' में कहा गया है कि भारतीय जनता पार्टी ने 106 सीटें जीतीं और शिवसेना ने 56 सीटें जीती हैं। यह स्पष्ट बहुमत है लेकिन 'गठबंधन' के बावजूद दोनों दलों को बड़ी सफलता नहीं मिली है। 2014 में भाजपा ने 122 सीटें और शिवसेना ने 63 सीटें जीती थी। शिवसेना ने यह सफलता तब हासिल की जब वह बड़ी ताकत और जबरदस्त धन से टकराई। इस बार सत्तारूढ़ गठबंधन के समर्थन के बावजूद शिवसेना 56 सीटों पर रही। हालांकि यह 56 अपेक्षाकृत कम संख्या है, लेकिन महाराष्ट्र की सत्ता का 'रिमोट कंट्रोल' उद्धव ठाकरे के हाथ में है।
शिवसेना को वैकल्पिक व्यवस्था के लिए आगे आना चाहिए: महाराष्ट्र कांग्रेस नेता
महाराष्ट्र में शिवसेना द्वारा सहयोगी भाजपा के साथ सत्ता बंटवारे को लेकर आक्रामक रुख अपनाने के बीच प्रदेश कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने शनिवार को कहा कि उद्धव ठाकरे नीत पार्टी को ‘‘वैकल्पिक व्यवस्था’’ के लिए आगे आना चाहिए।
निवर्तमान विधानसभा में विपक्ष के नेता वडेट्टीवार ने यह भी कहा कि हालांकि कांग्रेस को विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला है, लेकिन भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए पार्टी को अन्य से हाथ मिलाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस के लिए जनादेश विपक्ष में बैठने की भूमिका निभाने का है। यद्यपि भाजपा को रोकने के लिए हमें साथ आने की जरूरत है। शिवसेना को आगे आना चाहिए। शिवसेना को एक वैकल्पिक व्यवस्था के लिए आगे आना चाहिए क्योंकि लोकप्रिय जनादेश भाजपा के खिलाफ है।’’
शिवसेना के नवनिर्वाचित विधायकों ने आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाने की मांग की
महाराष्ट्र में भाजपा के साथ सत्ता में बराबर की हिस्सेदारी पर शिवसेना के फिर से जोर दिये जाने के बीच इस क्षेत्रीय पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों ने नयी सरकार में आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाने की मांग की है। गौरतलब है कि भाजपा विधानसभा चुनाव में अपनी उम्मीद की अनुरूप प्रदर्शन करने में नाकाम रही है। बृहस्पतिवार को घोषित हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों में सत्तारूढ़ भाजपा को 17 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा।
निवर्तमान विधानसभा में भाजपा के पास 122 सीटें हैं। इस घटनाक्रम से राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उद्धव ठाकरे नीत पार्टी कड़ी सौदेबाजी कर सकती है। हालांकि, शिवसेना की सीटों की संख्या भी 2014 के 63 की तुलना में घट कर 56 हो गई है। पड़ोसी ठाणे शहर से विधायक प्रताप सरनाइक ने कहा, ‘‘हम आदित्य ठाकरे को अगला मुख्यमंत्री बनते देखना चाहते हैं। लेकिन उद्धवजी अंतिम फैसला लेंगे।’’