नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल (सेवानिवृत्त) परवेज मुशर्रफ के निधन पर रविवार को शोक जताया, जिसके बाद उनकी काफी आलोचना हुई। ऐसे में अब थरूर ने इसपर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने रविवार को ट्वीट करते हुए कहा कि मैं एक ऐसे भारत में पला-बढ़ा हूं, जहां लोगों से मरते वक्त उनसे प्यार से बात करने की उम्मीद की जाती है।
शशि थरूर ने कही ये बात
उन्होंने आगे कहा कि मुशर्रफ कट्टर दुश्मन थे और कारगिल के लिए जिम्मेदार थे, लेकिन उन्होंने 2002-7 में अपने हित में भारत के साथ शांति के लिए काम किया। वह कोई मित्र नहीं थे लेकिन उन्होंने शांति में रणनीतिक लाभ देखा, जैसा कि हमने किया। इससे पहले शशि थरूर ने परवेज मुशर्रफ को लेकर कहा था कि "एक समय वह भारत के कट्टर दुश्मन" थे लेकिन बाद में "शांति के लिए वास्तविक ताकत" बन गए थे।
थरूर के इस बयान को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और उनकी पार्टी पर 1999 में करगिल युद्ध के मुख्य सूत्रधार की "तारीफ" करने का आरोप लगाया। मुशर्रफ का रविवार को एक लाइलाज बीमारी से वर्षों तक जूझने के बाद दुबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 79 वर्ष के थे। थरूर ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में मुशर्रफ के निधन पर शोक व्यक्त किया और इसे लेकर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और कांग्रेस पर "पाकिस्तान परस्त" होने का आरोप लगाया।
पहले किया था ये ट्वीट
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने ट्वीट किया, "पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का एक दुर्लभ बीमारी के कारण निधन हो गया : कभी भारत के कट्टर शत्रु रहे थरूर 2002-2007 के बीच शांति के लिए असली ताकत बन गए थे। मैंने संयुक्त राष्ट्र में उन दिनों उनसे हर साल मुलाकात की थी और उन्हें चतुर तथा अपने कूटनीतिक विचारों में स्पष्ट पाया था। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दें।"